माँ बेटे का रिश्ता बहुत गहरा होता है। भारतीय समाज में एक माँ को भगवान का दर्जा दिया जाता है। लेकिन इंदिरा गाँधी जब भारत की प्रधानमंत्री थी तब आपातकाल लगने के अगले दिन उनके छोटे बेटे संजय गाँधी ने 1 या 2 नहीं बल्कि 6 थप्पड़ मारे थे।
लगभग 40 साल पहले संजय गाँधी ने अपनी माँ को 6 थप्पड़ मारे थे। इस बात की पुष्टि वहां मौजूद अन्य जानकारों ने की थी।
एक प्रसिद्ध पत्रकार लुईस एम सिमंस जो कि पुलित्ज़र पुरस्कार के विजेता है, उन्होंने और वाशिगटन पोस्ट के सवांददाता ने इलेक्ट्रोनिक मिडिया में एक बात कही, जो न केवल हैरान करनेवाली थी बल्कि एक प्रधानमंत्री रही माँ को अपमानित भी करती है।
लुईस एम सिमंस ने बातचीत के दौरान ऑनलाइन वेबसाइट में कहा कि संजय गाँधी ने आपातकाल लगाये जाने से पहले की एक पार्टी में स्वर्गीय इन्दिरा गाँधी यानि अपनी माँ को 6 थप्पड़ मारे थे.
अमेरिकी पत्रकार ने कहा कि – “मुझे इस विषय की जानकारी अज्ञात सूत्रों से मिली थी। इस विषय में एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान बताया गया कि जब यह सब घटनाये हुई, तब वहाँ एक अज्ञात शख्स मौजूद था, जिसने उस दौरान हुई संजय और इंदिरा गाँधी के बीच की सारी बाते सुनी और उसने ही यह थप्पड़ लगाने वाली हकीकत को बताया. वह शख्स पत्रकार और उसकी पत्नी से मिलने के लिए आपातकाल से एक दिन पहले शाम को आये थे।"
वरिष्ठ व सम्मानित भारतीय लेखक वेद मेहता द्वारा न्यू यॉर्कर पत्रिका के एक लेख में भी इस बात का वर्णन किया गया था।
इस घटना के कारण पत्रकार और उसके परिवार को काफी कुछ का सामना करना पड़ा था और जब भारत वापसी के बाद इस पत्रकार की मुलाकात एक निजी भोज में फिर राजीव गांधी और सोनिया गाँधी से हुई तो उन्होंने इस बात का जिक्र किया था, जिसके जवाब में राजीव गांधी मुस्कराते रहे और सोनिया गांधी गुस्से से घूरती रह गई।
इन दोनों माँ बेटे की बीच किस बात पर बहस हुई और बात बढ़ी यह नहीं कहा जा सकता, लेकिन बात जरुर इतनी ज्यादा बढ़ी रही होगी कि रिश्ते नाते और लोगो की परवाह किये बिना संजय गांधी अपनी माँ इंदिरा गाँधी को थप्पड़ लगाने से खुद को नहीं रोक पाए। उसके बाद भारत में इंदिरा गांधी ने आपातकाल घोषित करवा दिया।