गणतंत्र दिवस 2019 - आखिर 26 जनवरी को ही क्यों लागू हुआ संविधान, इससे जुड़ा है एक गहरा राज

हर साल 26 जनवरी का दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता हैं क्योंकि इसी दिन साल 1950 में हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। गणतंत्र दिवस के ख़ास मौके पर राजपथ पर सेना की टुकड़ियाँ परेड करती हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि आखिर 26 जनवरी को ही क्यों संविधान लागू किया गया। जी हाँ, इससे जुड़ा एक इतिहास है जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके पीछे की कहानी के बारे में।

1929 में लाहौर में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ, जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि अगर अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमीनियन का पद नहीं प्रदान करेगी, जिसके तहत भारत ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वशासित एकाई बन जाता, तो भारत अपने को पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा।

भारत के आजाद हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से आरम्भ कर दिया। संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने, 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ। राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया, इसलिए 26 नवम्बर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है।

कई सुधार और बदलाव के बाद सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए। इसके दो दिन बाद संविधान 26 जनवरी को यह देश भर में लागू हो गया। 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा (कांस्टीट्यूएंट असेंबली) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई।