कोरोना से रिकवर होने के बाद भी आप ओमिक्रॉन से हो सकते हैं संक्रमित: WHO

पूरी दुनिया में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) के चलते एक बार फिर मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होना शुरू हो गई हैं. पिछले 24 घंटों में पूरी दुनिया में कोरोना से संक्रमित करीब 27 लाख लोग मिले। पूरी दुनिया में 26.96 लाख नए कोरोना केस मिले हैं और 6,369 लोगों की मौत हुई है। शुक्रवार को अमेरिका में एक बार फिर सबसे ज्यादा 8.49 लाख केस मिले हैं। वहीं, फ्रांस में 3.28 लाख, ब्रिटेन में 1.78 लाख, भारत में 1.41 लाख, स्पेन में 1.15 लाख, अर्जेंटीना में 1.10 लाख और इटली में 1.08 लाख कोरोना संक्रमित मिले हैं। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या ओमिक्रॉन पहले ही कोविड से रिकवर हो चुके मरीजों को भी अपनी चपेट में लेता है? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इसका जवाब हां है।

WHO का कहना है कि कोरोना रिकवरी के बाद भी ओमिक्रॉन से दोबारा इन्फेक्शन होने का खतरा होता है। ये वैरिएंट हमारे इम्यून सिस्टम को बड़ी आसानी से चकमा दे सकता है यानी अगर पिछले दो सालों में आप कोरोना से संक्रमित हुए है तो आपको ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की पूरी संभावना बनी रहती है।

WHO के अनुसार, 'जिन लोगों को पहले कोरोना हो चुका है, उन्हें डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन होने का खतरा 4-5 गुना ज्यादा है। इसका कारण- मरीजों का इम्यून सिस्टम ओमिक्रॉन की तुलना में डेल्टा वैरिएंट को जल्दी पहचान लेता है। ओमिक्रॉन में कुछ ऐसे म्यूटेशन्स मौजूद हैं, जिनके चलते इम्यून सिस्टम इसे आसानी से नहीं पकड़ पाता।'

WHO यूरोप के रीजनल डायरेक्टर हैंस हेनरी पी क्लुगे कहते हैं कि ओमिक्रॉन किसी भी इंसान को अपनी चपेट में ले सकता है। इनमें बच्चे, बूढ़े, जवान, कोरोना से रिकवर हुए, वैक्सीनेटेड और अनवैक्सीनेटेड लोग शामिल हैं। क्लुगे कहते हैं कि ये वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। अगर गंभीर रूप से बीमार होने से बचना है तो वैक्सीन लगवाना, पर्याप्त टेस्टिंग करना, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करना, अस्पतालों में सारे प्रबंध करना और हेल्थकेयर वर्कर्स को सपोर्ट करना बहुत जरूरी है। क्लुगे की मानें तो हर 5 में से 1 हेल्थकेयर वर्कर आज डिप्रेशन और चिंता का शिकार है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी ये परेशानियां कोरोना महामारी की ही देन हैं।