WHO : कोविशील्ड से नहीं जम रहा ब्लड क्लॉट, जारी रखें टीकाकरण अभियान

भारत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके कोविशील्ड का भी इस्तेमाल किया जा रहा हैं और भारत सहित कई और देश भी इसी टीके का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन कई देशों ने इस वैक्सीन को लेकर खून का थक्का जमने की शिकायत करते हुए इसके इस्तेमाल को रोक दिया था। लेकिन अब इसको लेकर डब्ल्यूएचओ ने कहा हैं कि कोविशील्ड से ब्लड क्लॉट जमने का कोई संकेत नहीं है। इस आधार पर टीकाकरण पर रोक लगाने वाले सभी देश अभियान को जारी रखें। डब्ल्यूएचओ के स्पष्टीकरण के बावजूद भारत में कोविशील्ड वैक्सीन की समीक्षा की जाएगी। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, प्राथमिक जांच में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है, जिससे रक्त वाहिका में खून का थक्का जमने की शिकायत हो। साइड इफेक्ट में भी किसी तकलीफ का जिक्र नहीं है।

संगठन की विशेषज्ञ सलाहकार समिति सभी रिपोर्ट की जांच कर रही है। अभी ऐसी कोई स्थिति नहीं है कि टीके के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए। डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता डॉ. मारगैरेट हैरिस ने कहा कि ये जरूरी है कि टीकाकरण जारी रहे, लेकिन कोई आशंका है तो जांच होनी चाहिए और जांच हो रही है। फिलहाल टीका सुरक्षित है। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि डेनमार्क, आइसलैंड, नॉर्वे समेत कुछ यूरोपीय देशों ने इससे जुड़ी शिकायत की थी। अब तक कुल ऐसे 30 मामले सामने आए हैं। एस्ट्राजेनेका ने भी कहा, करीब एक करोड़ डाटा के विश्लेषण मेंे टीके से फेफड़ों या रक्त वाहिकाओं में खून का थक्का जमने की तकलीफ का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।

भारत में सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड नाम से इस टीके का निर्माण कर रहा है। हालांकि नेशनल टास्क फोर्स के सदस्य एनके अरोड़ा ने कहा, कुछ देशों में वैक्सीन लगने के बाद खून का थक्का बनने की खबरें हैं लेकिन, फिलहाल चिंता की बात नहीं है।