कैसे संचालित होता है कैलासा, क्या यह पासपोर्ट/जन्म प्रमाण पत्र/आधिकारिक दस्तावेज प्रदान करता है? नित्यानंद ने दिए ये जवाब

दुष्कर्म-अपहरण जैसे गंभीर मामलों में आरोपी भारत के भगोड़े स्वघोषित भगवान और काल्पनिक देश कैलासा बसाने वाले नित्यानंद पर 30 अमेरिकी शहरों के साथ धोखाधड़ी का आरोप है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कैलासा ने इन शहरों के साथ सिस्टर सिटी एग्रीमेंट साइन किया था। इस कल्चरल एग्रीमेंट के तहत ये शहर और कैलासा एक दूसरे के विकास में मदद करते। इसमें धोखाधड़ी ये है कैलासा नाम का कोई देश दुनिया में है ही नहीं। इन आरोपों के बीच नित्यानंद ने बीते शुक्रवार को एक ट्वीट कर कैलासा से जुड़ी कुछ बातों को बताया। नित्यानंद ने एक ट्वीट कर कहा था कि हिंदू धर्म के परमधर्मपीठ के प्रेस सचिव रजिस्टर्ड मीडिया और समाचार एजेंसियों को एक सवालोत्तर सेशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हुए प्रसन्न हैं। यह कैलासा के बारे में सवाल पूछने और जानने का एक विशेष अवसर है। कृपया अपने सवाल ईमेल के माध्यम से contact@kailaasa.org पर सबमिट करें। ऐसे में अब उन्होंने ट्विटर पर कथित तौर पर ईमेल के जरिए उनसे पूछे गए सवाल और उसके जवाब शेयर किए हैं।

सवाल: क्या आप कृपया हमें कैलासा के बारे में कुछ और बता सकते हैं। इसकी स्थापना कब हुई और यह कहां स्थित है? इसकी आबादी कितनी है? क्या यह 100% हिंदू है? इसकी सांस्कृतिक प्रथाएं क्या हैं? क्या इसकी कोई आधिकारिक भाषा या गान है?

उत्तर: हम प्राचीन प्रबुद्ध हिंदू सभ्यता राष्ट्र के पुनरुत्थान हैं और गैर सरकारी संगठनों के एक समूह के माध्यम से काम करते हैं। इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त है, जो दुनिया भर के कई देशों से काम कर रहा है। यह Sovereign Order of Malta की तरह एक सीमाहीन सेवा उन्मुख राष्ट्र जैसे देश की भावना में स्थापित किया गया था। अधिक जानकारी के लिए कृपया www.kailaasa.org देखें।

सवाल: राष्ट्र कैसे संचालित होता है। क्या यह पासपोर्ट/जन्म प्रमाण पत्र/आधिकारिक दस्तावेज प्रदान करता है? क्या लोग कैलाश जा सकते हैं? यहां कौन-कौन से संस्थान हैं? क्या यह चुनाव आयोजित करता है/इसकी राजनीतिक प्रणाली क्या है? क्या इसके पास दुनिया भर में दूतावास/राजदूत हैं? अगर है तो कहाँ?

उत्तर: Sovereign Order of Malta की तरह, कैलासा कई संस्थाओं और गैर सरकारी संगठनों, मंदिरों और मठों के माध्यम से कई देशों में संचालित होता है।

सवाल: उसी तरह से, यदि यह वास्तव में एक संप्रभु राष्ट्र है, तो संयुक्त राष्ट्र, नेवार्क शहर और अन्य मीडिया आउटलेट्स ने कैलासा को नकली क्यों बताया और कहा कि वे इसे नहीं पहचानते हैं? क्या कोई दस्तावेज साबित करता है कि कैलाश एक देश है? क्या कोई अन्य राष्ट्र इसे इस तरह पहचानते हैं?

उत्तर: ऊपर के सवाल में उत्तर देखें

सवाल: एसपीएच नित्यानंद परमशिवम पर बलात्कार और घोटाले का आरोप लगाया गया है: क्या आप इन आरोपों का जवाब देना चाहेंगे?

उत्तर: ऐसे सभी आरोप बिल्कुल झूठे हैं। कई प्रमुख मानवाधिकार अधिवक्ताओं ने इसकी पुष्टि करते हुए स्वतंत्र रिपोर्ट और कानूनी राय दी है। उनमें से ब्रिटेन के विश्व विख्यात क्वीन्स काउंसिल श्री जेफ्री रॉबर्टसन हैं, जो उत्पीड़न के बारे में इस रिपोर्ट में कहते हैं: 'यह आमतौर पर झूठे यौन शोषण के आरोपों के परिणामस्वरूप मीडिया और राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा शुरू किया गया है। पहली बार 2010 में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उनका इस तरह से पीछा किया गया जो प्रक्रिया के दुरुपयोग के बराबर है।'

वह आगे कहते हैं, '...दोनों मामलों में अभियोजन साक्ष्य की स्थिति कमजोर है और इस बात की काफी संभावना है कि अंततः उन्हें बरी कर दिया जाएगा। यह विशेष रूप से संबंधित है कि केंद्र सरकार राज्यों से उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई को प्रोत्साहित करने का आग्रह कर रही है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र में उनकी शिकायतों के लिए उत्पीड़न और प्रतिशोध की बू आ रही है।'

अंत में, 'ऊपर बताए गए कारणों के लिए, मैं मानता हूं कि ASMT के नेता और उनके अनुयायियों ने ICCPR के अनुच्छेद 18 के विपरीत, धार्मिक विश्वास के आधार पर उत्पीड़न का सामना किया है। 4 अप्रैल, 2013 को कैलिफोर्निया (यूएसए) कोर्ट द्वारा हिंदू धर्म के सर्वोच्च पुजारी को निर्दोष साबित किया गया। अदालत ने एसपीएच के पक्ष में फैसला सुनाया और झूठे पीड़ित को लगभग आधा मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया।'

इसे मिस्टर रॉबर्टसन, क्यूसी ने भी माना है: 'पीएन के खिलाफ ए और बी दोनों के दावों को अमेरिकी मामलों में, लागत के साथ और ए के मामले में, हर्जाने के साथ खारिज कर दिया गया था। अमेरिकी कार्यवाही में और सबूत सामने आए, जो दिखाते हैं कि आरोप झूठे थे।'

सवाल: अब जब नेवार्क की सरकार ने समझौते को वापस ले लिया है: कैलासा इस पर कैसी प्रतिक्रिया दे रहा है? क्या यह अभी भी दोनों के बीच समझौते का सम्मान करेगा?

उत्तर: हम अपने उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम वैश्विक शांति के लिए अपने उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।

2019 में देश छोड़कर भागा था नित्यानंद

आपको बता दे, नित्यानंद का जन्म तमिलनाडु के तिरुवन्नामलई शहर में हुआ था। उसे अरुणाचलम राजशेकरन नाम दिया गया। दावा किया जाता है कि 12 साल की उम्र से उसे आध्यात्मिक अनुभव होने लगे थे और 22 साल की उम्र में उसे ज्ञान की प्रप्ति हो गई।

2002 में 24 साल की उम्र में उसने नित्यानंद नाम से लोगों को प्रवचन देना शुरू किया। 2003 में उसने कर्नाटक में बेंगलुरु के पास बिदादी में ध्यानपीठम नाम से आश्रम शुरू किया।

2010 में नित्यानंद की एक शिष्या ने उस पर रेप का आरोप लगाया था। तहकीकात के बाद 2019 में गुजरात पुलिस ने कहा था कि नित्यानंद के आश्रम में बच्चों को किडनैप करके रखा जाता है। इसके बाद पुलिस ने छापा मारकर 2 लोगों को गिरफ्तार किया था।

2019 में नित्यानंद देश छोड़कर भाग गया था। दिसंबर 2019 में उसने कैलासा नाम से अपना अलग द्वीप बसाने और इसे अलग देश का दर्जा मिलने का दावा किया था। हालांकि, अब तक इस द्वीप या देश को किसी देश ने मान्यता नहीं दी है।