व्हाट्सएप ने आज से किया ये बड़ा बदलाव, अब एकसाथ 5 से ज्यादा को मैसेज भेजने पर लगाई रोक

व्हाट्सएप ने अधिकतम 5 लोगों को मैसेज फारवर्ड करने का नियम रविवार से लागू कर दिया है। देश में झूठे मैसेज, वीडियो व फोटो के कारण बढ़ती भीड़ हिंसा की घटनाओं के बाद संदेशों पर नियंत्रण करने के अपने वादे पर सोशल मैसेजिंग वेबसाइट व्हाट्सएप ने अमल करना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों की गई घोषणा के तहत व्हाट्सएप ने रविवार रात 12 बजे से एकसाथ 5 से ज्यादा लोगों को कोई मैसेज भेजने पर रोक लगा दी। फिलहाल यह लिमिट लैपटाप और कंप्यूटरों पर चलाए जाने वाले व्हाट्सएप इंटरनेट वेब वर्जन पर लागू की गई है, मोबाइल फोन से अभी भी 256 लोगों को अपने संदेश शेयर किये जा सकते हैं। कंप्यूटर और लैपटाप के जरिए अब कोई भी व्यक्ति व्हाट्सएप के प्लेटफार्म से किसी भी संदेश फोटो या वीडियो को किन्हीं पांच ही एड्रेस पर फारवर्ड कर सकेगा।
लेकिन जल्द ही इस प्रतिबंध को मोबाइल यूजर्स पर भी लागू करने की संभावना है। बता दें कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने व्हाट्सएप को एक नोटिस भेजकर अपने प्लेटफॉर्म पर भेजे जाने वाले भ्रामक संदेशों पर नियंत्रण लगाने को कहा था। सरकार ने व्हाट्सएप को चेतावनी दी थी कि प्रभावी कदम नहीं उठाने पर भ्रामक संदेश के कारण हिंसा फैलने की स्थिति में उसे भी दोषी माना जाएगा। इसके बाद ही व्हाट्सएप ने अपने प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग नहीं होने देने की घोषणा की थी।

वार्निंग : यू कैन ऑनली शेयर विद अप टु फाइव चैट्स।

एक संदेश को तीन लोगो और दो व्हाट्सएप ग्रुप पर फारवर्ड करने के बाद जैसे ही छठे ग्रुप में क्लिक करेंगे तो स्क्रीन के नीचे बाएं कोने में एक वार्निंग आ जायेगी। वार्निंग में लिखा होगा आप इस संदेश को 5 से अधिक लोगों के साथ शेयर नहीं कर सकते। काले बाक्स में स्क्रीन पर उभरने वाली इस वार्निंग में अंग्रेजी में लिखा है, ‘यू कैन ऑनली शेयर विद अप टु फाइव चैट्स।’

सरकार के नोटिस के बाद से व्हाट्सएप ने संदेशों पर नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए हैं। इसमें किसी दूसरे की तरफ से आए संदेश को आगे भेजे जाने पर पाने वाले के मोबाइल पर संदेश पहुंचने के बाद उस पर फारवर्ड लिखा हुआ मिलना भी शामिल है। व्हाट्सएप का कहना है कि इससे संदेश पाने वाले को इसके असली नहीं होने या किसी अन्य की तरफ से भेजे जाने की जानकारी मिल जाएगी।

साथ ही व्हाट्सएप ने अपने सभी उपयोगकर्ताओं को इस बारे में विज्ञापनों के जरिए भी सतर्क किया था। साथ ही एडमिन को ये तय करने का अधिकार भी दिया था कि उसके समूह में कौन आगे मैसेज फारवर्ड कर सकता है और कौन नहीं।