क्या होती है सर्जिकल स्ट्राइक और कैसें देतें है इसको अंजाम

सर्जिकल स्ट्राइक एक ऐसी सैन्य कार्रवाई है जिसमें एक से अधिक सैन्य लक्ष्यों को नुक्सान पहुँचाया जाता है और उसके पश्चात् हमला करने वाली सैनिक इकाई तुरंत वापस लौट आती है। इस तरह की कार्रवाई में प्रयास किया जाता है कि गैर-सैनिक ठिकानों, जैसे- आसपास की इमारतें, बिल्डिंग, वाहन या सार्वजनिक आधारभूत संरचनाएँ, को कम से कम नुक्सान पहुँचे।

दूसरे शब्दों में, सर्जिकल स्ट्राइक में 'सरप्राइज' होता है, यानी टारगेट पर अचानक हमला कर दिया जाता है ताकि सामने वाले को जवाब देने का मौका ही न मिले। असल में यह सेना द्वारा किया जाने वाला एक नियंत्रित हमला होता है, जिसमें किसी खास इलाके में पहले से तय विशेष ठिकाने पर हमला करके उसे नष्ट किया जाता है। इससे सेना द्वारा बड़े पैमाने पर उस इलाके में बर्बादी को रोका जाता है और खास तरह से अटैक को डिजाइन किया जाता है।

सर्जिकल स्ट्राइक सटीक सैन्य कार्रवाई का एक रूप है। यदि इस प्रकार के आक्रमण में वायु-बल का इस्तेमाल किया जाता है तो उसमें भी यह कोशिश की जाती है कि सटीक बमबारी की जाए जिसमें आस-पास की सुविधाएँ कम से कम क्षतिग्रस्त हों। 2003 में इराक युद्ध की शुरुआत में बगदाद की बमबारी एक सर्जिकल स्ट्राइक का उपयुक्त उदाहरण है।

भारतीय सेना ने 28 सितम्बर 2016 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी लांच पैड्स पे सर्जिकल स्ट्राइक किया था। जिसको अंजाम देते हुए 7 आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया, साथ ही 38 आतंकियों को भी मार गिराया। इस प्रकार की स्ट्राइक की पहले से ही संभावना जताई जा रही थी। डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट जनरल ररनवीर सिंह ने प्रेस कॉंफ्रेस करके बताया कि भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर बुधवार की रात LoC के पार आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया है। इस ऑपरेशन के बाद सवाल ये उठता है कि आखिरकार सर्जिकल स्ट्राइक होता क्या है।

इससे पहले कब हुआ सर्जिकल स्ट्राइक?

- NSCN के आतंकियों ने 4 जून 2015 को मणिपुर के चंदेल में फौज की टुकड़ी पर हमला किया था।
- इस आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हुए थे।

- 10 जून 2015 को इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय जवानों ने म्यांमार की सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।

- तब फौज ने म्यांमार में दाखिल होकर आतंकी संगठन NSCN के टेरर कैंप को तबाह किया था।

जब भी सर्जिकल स्ट्राइक का नाम आएगा। अमेरिका के सबसे बड़े बदले का नाम सामने आएगा। वो बदला जो उसने अपने सबसे बड़े दुश्मन ओसामा बिन लादेन को मारकर लिया था। ये वो बदला था जिसके लिए दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका 10 साल तक तड़पता रहा। 11 सितंबर 2001 को लादेन के आतंकी संगठन अल क़ायदा के आतंकियों ने न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतों को अगवा किए गए विमान से उड़ा दिया। 15 साल पुरानी इन तस्वीरों ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। दुनिया के सबसे बर्बर आतंकी हमले में करीब 3 हजार लोग मारे गए थे... 9/11 हमले के बाद से अमेरिकी खुफिया एजेंसियां पागलों की तरह ओसामा बिन लादेन की तलाश में जुट गईं। 10 साल बाद पता चला कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपा बैठा है। इसके बाद अमेरिका ने अपने सबसे बड़े दुश्मन को खत्म करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की खुफिया रणनीति बनाई। अमेरिका के सबसे खतरनाक कमांडो कहे जाने वाले सील की टुकड़ी दो हेलीकॉप्टर में सवार होकर रात के अंधेरे में एबटाबाद पहुंची। इसके बाद थोड़ी देर तक लादेन का मकान गोलियों और बमों की तड़तड़ाहट से थर्राता रहा। गोलियों की आवाज़ तभी थमी जब अमेरिकी फौज ने लादेन को मार गिराया। इसके बाद अमेरिकी कमांडो जैसे आए थे, वैसे ही लौट गए।