सभी दलों से व्यापक विमर्श के बाद वक्फ संशोधन विधेयक आज बुधवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। यह विधेयक लगभग तय माना जा रहा है कि बुधवार को ही पारित हो जाएगा, हालांकि इस दौरान विपक्षी दलों से भारी हंगामा होने की आशंका है, क्योंकि कई विपक्षी पार्टियां इसके खिलाफ हैं।
जदयू-तेदेपा सरकार के साथसत्तारूढ़ राजग के प्रमुख सहयोगी दल, जैसे जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और तेलुगु देसम पार्टी (तेदेपा), साथ ही अन्य दल सरकार के साथ मजबूती से खड़े हैं और विधेयक के समर्थन में मतदान करेंगे। सदन में सत्तापक्ष के पास पर्याप्त संख्या है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि विधेयक को दोनों सदनों में आसानी से पारित कर लिया जाएगा।
किरण रिजिजू का दावासंसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि राजग के सभी दल विधेयक के समर्थन में पूरी तरह से एकजुट हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि विपक्ष के कुछ सांसदों का समर्थन भी उन्हें प्राप्त है। रिजिजू ने बताया कि प्रश्नकाल समाप्त होते ही विधेयक को पेश किया जाएगा।
अमित शाह रहेंगे मौजूदलोकसभा स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में इस विधेयक पर आठ घंटे चर्चा करने का फैसला किया गया है, जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया भी जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के वरिष्ठ नेता विधेयक पर चर्चा में शामिल हो सकते हैं।
पुष्पा 2 के मेकर्स ने किया निर्माणवक्फ संशोधन विधेयक को पिछले साल आठ अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था, लेकिन विपक्ष के विरोध के कारण इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया था। जेपीसी ने राजग के सहयोगी दलों द्वारा किए गए सुझावों को शामिल किया है। इस विधेयक का निर्माण पुष्पा 2 के मेकर्स ने किया है और इसमें सनी देओल के साथ रणदीप हुड्डा भी विलेन की भूमिका में नजर आएंगे।
विधेयक के समर्थन में व्हिप जारीतेदेपा, जदयू, शिवसेना, लोजपा (रामविलास), रालोद जैसे सहयोगी दलों ने विधेयक के समर्थन की घोषणा की है और अपने सांसदों के लिए व्हिप भी जारी कर दिए हैं। जेपीसी ने इस विधेयक में 14 बदलावों का सुझाव दिया था, जो अब नए संशोधन विधेयक में शामिल किए गए हैं।
विपक्ष का विरोध और संभावित वॉकआउटविपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार सांसदों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। कुछ विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट करने की धमकी दी है। विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को संसद भवन में बैठक कर कहा कि मोदी सरकार के विभाजनकारी एजेंडे के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट है और वे इस विधेयक को पारित होने से रोकने के लिए संघर्ष करेंगे।
राज्यसभा में पेश होने की संभावनालोकसभा से पारित होने के बाद इस विधेयक को गुरुवार को राज्यसभा में पेश किए जाने की संभावना है। राज्यसभा में इस पर आठ घंटे की चर्चा की योजना है। वर्तमान में राज्यसभा में कुल 236 सदस्य हैं, जिनमें से बहुमत के लिए 119 सदस्यों का समर्थन चाहिए।
विपक्षी दलों की स्थितिराज्यसभा में भाजपा के 98 सदस्य हैं, जबकि सहयोगी दलों के 19 सदस्य और छह मनोनीत सदस्य भी हैं। कुल मिलाकर सत्तापक्ष को 125 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। वहीं विपक्षी खेमे में कांग्रेस के 27 सदस्य और अन्य दलों के 60 सदस्य हैं, जिनकी संख्या 88 तक पहुंच रही है।
लोकसभा में वर्तमान सदस्यता - 542सत्ता पक्ष
दल - सदस्यों की संख्याभाजपा -240
तेदेपा - 16
जदयू - 12
शिवसेना - 07
लोजपा (आर)- 05
जदएस -02
जनसेना- 02
रालोद -02
अन्य -07
कुल - 293विपक्षदल - सदस्यकांग्रेस -99
समाजवादी पार्टी -37
तृकां -28
द्रमुक- 22
शिवसेना (यूबीटी) - 09
वामदल- 08
राकांपा (शरद) -08
राजद - 04
आप - 03
झामुमो - 03
आइयूएमएल - 03
नेशनल कान्फ्रेंस - 02
अन्य - 11
कुल- 237