महाराष्ट्र के औरंगाबाद में शुक्रवार रात दो समुदायों में झड़प का मामला सामने आया है। झगड़े के बढ़ जाने के बाद कई दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस को मामले पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। बता दें कि स्थिति को संभालने के लिए पूरे शहर में धारा 144 लगा दी गई है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इस झड़प में दो लोगों की मौत हो गई है। दरअसल दो सुमदायों के बीच शुक्रवार रात मामूली बात पर झगड़ा हुआ था जिसने बढ़ते-बढ़ते सांप्रदायिक रूप ले लिया, इस वजह से बीती रात सैकड़ों युवक सड़कों पर उतर आये और पत्थरबाजी शुरू कर दी। बवालियों ने 40 दुकान में आग लगा दी और 50 गाड़ियां भी फूंक डाली। बताया जा रहा है घटना में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक बवाल अवैध रूप से लगाई गई पानी की पाइप लाइन काटने में भेदभाव के चलते यह बवाल हुआ है। घटना के बाद से औरंगाबाद में तनाव है, पुराने शहर से शुरू हुआ यह बवाल शहर के गांधीनगर, राजाबाजार और शाहगंज इलाकों में भी फैल गया।
झड़प के दौरान एक नाबालिक को गोली लग गयी, उसे आनन-फानन में एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थानीय खबरों के मुताबिक नाबालिक को बचाया नहीं जा सका है।
हिंसा में एसपी समेत 10 पुलिसकर्मी घायल
दो समुदायों में भड़की हिंसा में पुलिसकर्मियों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। एसपी गोवर्धन कोलेकर समेत 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। थाना प्रभारी हेमंत कदम समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी चोटिल हुए हैं। जानकारी के मुताबिक यह हिंसा गांधीनगर, शाहगंज और राजाबजार इलाके में हुई है।
आखिर क्या थी झगड़े की वजह
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार रात दो समुदायों के बीच नल के कनेक्शन को तोड़ने के मुद्दे पर विवाद हुआ था। इस विवाद की वजह से दोनों समुदाय के लोग सड़क पर आ गये और पत्थरबाजी शुरू कर दी। मामले का लाभ उठाते हुए कुछ असामाजिक तत्वों ने सड़क पर खड़े वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी और उनमें आग लगा दी।