मस्जिद के सामने कुरान जलाए जाने के बाद स्वीडन में भड़की हिंसा, 3 गिरफ्तार

नई दिल्ली। स्वीडन में क़ुरान जलाए जाने के एक मामले के बाद हिंसा भड़क गई है। पुलिस के मुताबिक स्वीडन के माल्मो शहर में क़ुरान की एक प्रति को जला दिया गया था। हालांकि फिलहाल हालात को पुलिस ने काबू में करने की बात कही है। जानकारी के मुताबिक इराक़ी शरणार्थी ने ऐलान किया था कि वो क़ुरान की प्रति को जलाने जा रहा है, जिसके बाद हिंसा भड़क गई। पुलिस ने मामले को लेकर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है।

बकरीद के मौके पर कुरान जलाए जाने की घटना पर स्वीडिश सरकार ने अपना बयान जारी करते हुए इसे 'इस्लामोफोबिक' कृत्य बताया है। स्वीडिश सरकार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) ने मस्जिद के सामने कुरान जलाए जाने की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।

ओआईसी ने बयान जारी करते हुए कहा था कि यह घृणित कृत्य पवित्र कुरान और अन्य इस्लामी मूल्यों, प्रतीकों उसकी पवित्रता का उल्लंघन का प्रयास है। ओआईसी ने कहा था कि सभी देश संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के तहत सार्वभौमिक रूप से सभी लोगों के लिए मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करे।

OIC के इस बयान के बाद स्वीडन सरकार ने स्टॉकहोम सेंट्रल मस्जिद के सामने कुरान जलाने की घटना की निंदा की है और इसे इस्लामोफोबिक कृत्य बताया है। स्वीडिश विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा है, स्वीडिश सरकार इस बात को पूरी तरह से जानती है कि स्वीडन में प्रदर्शनों के दौरान कुछ व्यक्तियों के इस्लामोफोबिक कृत्य मुसलमानों के लिए अपमानजनक हो सकता है। हम इन कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं, जो किसी भी तरह से स्वीडिश सरकार के विचारों को प्रदर्शित नहीं करते हैं।

स्वीडन में बढ़ी है कुरान जलाने की घटनाएं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते दिनों में स्वीडन में क़ुरान को जलाने की कई घटनाएं हुई हैं। सरकार ने इससे सख्ती से निपटने की बात भी कही है।सोमवार सुबह कुछ लोगों की गुस्साई भीड़ ने टायरों और मलबे में आग लगा दी और कुछ को माल्मो के रोसेनगार्ड पड़ोस में इलेक्ट्रिक स्कूटर, साइकिल और बाधाओं को फेंकते देखा गया, इससे पहले भी यहां इस तरह की घटनाएं हुई हैं। इस इलाके में कुरान जलाने से संबंधित कई बैनर भी लगे हुए हैं।

पुलिस का क्या कहना है?

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पेट्रा स्टेनकुला ने कहा, “मैं समझता हूं कि इस तरह की सार्वजनिक सभा माहौल खराब करती है और हम इसे कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते।” उन्होंने कहा, “रोसेनगार्ड में एक बार फिर हिंसा और बर्बरता देखना बेहद अफसोसजनक है।”

पिछले महीनों में इराक की एक शरणार्थी मोमिका ने स्टॉकहोम में इस्लाम विरोधी विरोध प्रदर्शनों की एक श्रृंखला में कुरान का अपमान किया था जिससे कई मुस्लिम देशों में गुस्सा पैदा हो गया है। एक पक्ष का कहना है कि स्वीडिश पुलिस ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए इसकी अनुमति दी थी।

क्यों भड़की ये हिंसा

हिंसक झड़पों के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इराकी कार्यकर्ता सलवान मोमिका द्वारा रविवार को इस्लामी पवित्र पुस्तक की एक प्रति में आग लगाने के बाद अशांति फैल गई। पुलिस ने कहा कि उन्होंने माल्मो शहर में सार्वजनिक व्यवस्था में खलल डालने के आरोप में 10 लोगों को हिरासत में लिया है। आगजनी की प्रतिक्रिया में लगभग सौ लोगों के एकत्र होने के बाद कई वाहनों में आग लगा दी गई है।