8 दिन में विकास दुबे समेत उसकी गैंग के 6 बदमाशों का पुलिस ने किया एनकाउंटर

अपराधी विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने मार गिराया है। दरअसल, उज्जैन से गिरफ्तार विकास दुबे को यूपी एसटीएफ 3 गाड़ियों से करीब 700 किालेमीटर दूर कानपुर ला रही थी। यहां कानपुर देहात में अचानक वो कार पलट गई जिसमे विकास बैठा था। हादसे के बाद उसने पुलिस टीम से पिस्टल छीनकर हमला करने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में वह बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे सीने और कमर में दो गोली लगीं। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे सुबह 7:55 मिनट पर उसकी मौत हो गई। एसएसपी और अस्‍पताल के डॉक्‍टरों ने विकास दुबे के मारे जाने की पुष्टि की है। कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने भी गैंगस्‍टर विकास दुबे के मारे जाने की पुष्टि कर दी है।

कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि एसटीएफ की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। इस दौरान आरोपी विकास दुबे ने कार में सवार पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की। इसी बीच एसटीएफ की दूसरी गाड़ियां पहुंच गईं और पुलिस की जवाबी फायरिंग में विकास दुबे को गोली लगी।

उधर, पता चला है कि 4 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, इनमें एक इंस्पेक्टर, एक एएसआई और दो सिपाही शामिल हैं। पुलिस ने बुधवार को ही विकास के करीबी अमर दुबे का भी एनकाउंटर कर दिया था। अमर हमीरपुर में छिपा था। अब तक विकास गैंग के 5 लोग एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।

कानपुर शूटआउट केस में अब तक क्या हुआ?

2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी, विकास की गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।

3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया। 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेर लिया। पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया। उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंग कर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।

6 जुलाई: पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया। शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी। रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी।

8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया। हमीरपुर के मौदाहा में मुठभेड़ में पुलिस ने विकास दुबे का दाहिना हाथ माने जाने वाले अमर दुबे को मार गिराया। अमर को विकास दुबे गैंग का शातिर बदमाश माना जाता था। 2 जुलाई की रात कानपुर देहात के बिकरू गांव में शूटआउट के मामले में भी अमर दुबे की तलाश थी। यूपी पुलिस ने जिन अपराधियों की तस्वीरें जारी की थी, उसमें अमर दुबे का नाम सबसे ऊपर था। पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था। प्रभात मिश्रा समेत 10 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।

9 जुलाई: प्रभात मिश्रा और बऊआ दुबे एनकाउंटर में मारे गए। प्रभात मिश्रा को पुलिस ने फरीदाबाद के होटल से गिरफ्तार किया था। जानकारी के मुताबिक प्रभात पुलिस की कस्टडी से भाग रहा था। इसके बाद एनकाउंटर में प्रभात को मार गिराया गया। आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि पुलिस टीम प्रभात को लेकर फरीदाबाद से आ रही थी। रास्ते में गाड़ी पंचर हो गई। इस दौरान प्रभात ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। इसके बाद हुए एनकाउंटर में प्रभात मारा गया है। इस दौरान कुछ सिपाही घायल हुए।

उत्तर प्रदेश के इटावा में विकास दुबे के करीबी बउवा दुबे को पुलिस ने मार गिराया। पुलिस के मुताबिक, बउवा दुबे ने महेवा के पास हाईवे पर स्विफ्ट डिजायर कार को लूटा था। उसके साथ तीन और बदमाश थे। पुलिस को लूट की जैसे ही खबर मिली, पुलिस ने चारों को सिविल लाइन थाने के काचुरा रोड पर घेर लिया। इसके बाद विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया था।

10 जुलाई: कानपुर के पास विकास दुबे मारा गया।