बंगाल हिंसा पर VHP का हमला, विनोद बंसल बोले– ममता सरकार की तुष्टिकरण नीति ने बिगाड़ा माहौल

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा को लेकर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला है। संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने रविवार को कहा कि राज्य में जो अराजकता फैली हुई है, उसके लिए खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हिंसा सरकार की मौन सहमति से भड़क रही है और तुष्टिकरण की राजनीति ने प्रदेश को अस्थिरता के गर्त में ढकेल दिया है।

बंसल ने कहा, “बंगाल की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ रही है। प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है और मुख्यमंत्री केवल एक वर्ग विशेष से शांति बनाए रखने की अपील कर रही हैं। हिंदू समाज की सुरक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह उदासीन है।” उन्होंने यह भी कहा कि जिहादी ताकतों को खुलकर समर्थन देने जैसी नीतियां राज्य को बांग्लादेश की राह पर ले जा रही हैं।

वीएचपी प्रवक्ता ने ममता बनर्जी पर संसद द्वारा पारित कानूनों को लागू न करने का भी आरोप लगाया और कहा कि यह संवैधानिक मर्यादाओं की अनदेखी है। उन्होंने कहा कि राज्य में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि अब अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं तक को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “राज्यपाल का खुद सड़कों पर उतरना ममता सरकार की असफलता का सबसे बड़ा प्रमाण है” ।

इसके साथ ही बंसल ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रही घटनाओं पर भी चिंता जताई। उन्होंने गुरुवार को एक हिंदू युवक की हत्या का हवाला देते हुए सवाल उठाया कि आखिर संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाएं इस पर चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश में हिंदू निशाने पर हैं। अब जवाबदेही तय होनी चाहिए”।

कर्नाटक में परीक्षा केंद्र पर एक छात्र को जनेऊ पहनने के कारण अपमानित किए जाने की घटना पर भी बंसल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जनेऊ कोई जातिगत प्रतीक नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समाज की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान है। एक तरफ मुस्लिम छात्रों को हिजाब और टोपी पहनने की इजाज़त है और दूसरी ओर हिंदू छात्र से जबरन जनेऊ कटवाया जाता है। यह धार्मिक पक्षपात नहीं तो और क्या है?”

उन्होंने मांग की कि कर्नाटक सरकार इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई करे और हिंदू समाज से माफ़ी मांगे। साथ ही यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को हिंदुओं के अधिकारों और आस्था की रक्षा के लिए खुलकर सामने आना होगा।