वाराणसी के कबीर नगर की एक घटना ने सभी को हिला कर रख दिया है। पेंशन के लालच में बेटे-बेटी ने अपनी माँ की मौत के बाद शव को छिपा कर रखा। खुलासा होने पर सभी हैरान हैं। मामला 13 जनवरी 2018 का है। अमरावती देवी का देहांत BHU में इलाज के दौरान हो गया था। मौत की खबर मोहल्ले को पता चली तो लोग अंतिम संस्कार के लिए जुटने लगे लेकिन बेटे-बेटी ने कुछ घंटे बाद लोगों से कहा कि जिंदा हो गई। दरहसल, अमरावती देवी को 13 हजार रुपये पेंशन मिलती थी। जिसके लालच में उन्होंने यह कदम उठाया।
पड़ोसी प्रशांत पांडेय का कहना है कि- चार-पांच महीने पहले जब बीएचयू से डेड बॉडी आई तो हमने उन्हें कफन दिया और पूछा कि अंतिम संस्कार कब होगा। बेटे ने जवाब दिया कि कुछ घंटे में होगा। कुछ घंटे बाद बताया गया कि उनकी मां जिंदा हो चुकी हैं। हमें शक तो हुआ लेकिन हमें घर के अंदर नहीं घुसने दिया। जब प्रशासनिक अधिकारी आए तो पता चला कि डेड बॉडी कंकाल हो चुकी है।
पड़ोसियों से 100 नंबर पर सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस को परिवारवालों का विरोध झेलना पड़ा, जिनके मुताबिक उनकी मां मरी नहीं बल्कि कोमा में थी और किसी वैद्यजी का इलाज चल रहा था। थाने पहुंचा बेटा भी अपनी मां को मरा मानने पर तैयार नहीं हुआ। मामले का खुलासा होने के बाद पंचानामा कर डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और अब बेटा-बेटी पर कार्रवाई की जा रही है।