हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लांच की गई देश की सबसे फास्ट स्पीड की ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) पटरियों के साथ-साथ सुर्खियों में भी दौड़ती नजर आती है। हाल ही में यह ट्रेन एक बार फिर हादसे का शिकार हुई है। शनिवार शाम 7 बजकर 46 मिनट पर वंदे भारत एक्सप्रेस की ड्राइवर की विंड स्क्रिन और 7 कोचों की खिड़कियों के शीशों में दरारें आ गईं। यह घटना कानपुर और टुंडला के बीच में हुई। रेलवे प्रशासन ने इस घटना के संबंध जानकारी दी। जिसके मुताबिक उड़ते हुए पत्थर की वजह से यह घटना हुई।
दरअसल वंदे भारत एक्सप्रेस और डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस आस-पास से गुजर रहीं थी तो एक उड़ता हुआ पत्थर का टुकड़ा वंदे भारत ट्रेन की ओर आया। ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज है थी कि ट्रेन से टकराने के बाद पत्थर का टुकड़ा कई कोचों को क्षतिग्रस्त करता हुआ गुजर गया। पत्थर का टुकड़ा ड्राइवर सीट की सामने वाले शीशे (विंड स्क्रिन) से टकराया, उसके बाद कोच संख्या C4, C6, C7, C8, C13 के शीशों पर टकरा गया। पत्थर कोच C 12 के दोनों तरफ की खिड़कियों पर टकराया। घटना के बाद ट्रेन को कुछ देर के लिए रोका गया।
ट्रेन में मौजूद तकनीकी विशेषज्ञों ने इसकी जांच की, सभी पैमानों पर खरा उतरने के बाद ट्रेन को गंतव्य की ओर रवाना किया गया। रेलवे टूटी खिड़कियों के मरम्मत का काम करवा रही है। रेलवे ने बताया कि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हुई है। दिल्ली पहुंचने के बाद सभी कोचों और ड्राइवर सीट की दोबारा जांच की गई ताकि अगली यात्रा के दौरान सवारियों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े। भारत की सबसे तेज ट्रेन के साथ दो महीने में ऐसी तीसरी चौथी घटना सामने आई है। उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि जब यह हादसा हुआ, तब टूंडला जंक्शन पर ट्रेन क्रॉस कर रही थी। इससे पहले भारतीय रेल की सबसे तेज रफ्तार 'ट्रेन 18' पर दिसंबर 2018 में दिल्ली से आगरा के बीच परीक्षण के दौरान पत्थर फेंके गये थे।
पथराव के दौरान ट्रेन के कोच का शीशा टूट गया था। उसी महीने की शुरुआत में भी इसी तरह की घटना हुई थी। गौरतलब है कि 15 फरवरी को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा ट्रेन 18 के परिचालन को हरी झंडी दी गई थी।