वैक्सीनेशन के लिए नई गाइडलाइंस का ऐलान, राज्यों को आबादी और मरीज़ों के हिसाब से मिलेगी वैक्सीन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ऐलान किया कि 21 जून से 18 साल से ज्यादा उम्र वालों को भी फ्री वैक्सीन मिलेगी। इसके तहत वैक्सीन का कैसे वितरण होगा और किस राज्य को किस आधार पर कितनी वैक्सीन मिलेगी इसका ऐलान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइन में कर दिया है। नई गाइडलाइंस के मुताबिक केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माता कंपनियों से 75% वैक्सीन खरीद कर राज्यों को मुफ्त में देगी। केन्द्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी राज्य को वहां की जनसंख्या और संक्रमित मरीजों की संख्या के आधार पर वैक्सीन दी जाएगी। इसमें यह भी तय कर दिया गया है कि किसी राज्य में वैक्सीनेशन की क्या रफ्तार है, इसे ध्यान में रखकर भी वैक्सीन दी जाएगी। यदि किसी राज्य में वैक्सीनेशन के दौरान वैक्सीन की बर्बादी ज्यादा हुई है तो ऐसे में आने वाले दिनों मे उसे कम वैक्सीन भी मिल सकती है।

वैक्सीन की बर्बादी को लेकर केंद्र और कुछ राज्यों के बीच अनबन चल रही है। मई में स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार - झारखंड (लगभग 37%), छत्तीसगढ़ (30%), तमिलनाडु (15.5%), जम्मू और कश्मीर (10.8%) और मध्य प्रदेश (10.7%) ने वेस्टेज का जिक्र किया था।रिपोर्ट में कहा गया था कि ये राज्य राष्ट्रीय औसत (6.3%) की तुलना में बहुत अधिक वेस्टेज कर रहे हैं।

केंद्र सरकार राज्यों को पहले ही बता देगी कि उन्हें कितने डोज मिलने वाले हैं। इसी हिसाब से राज्य सरकारें भी उनके जिलों और वैक्सीनेशन सेंटर्स को एडवांस में ही डोज अलॉट कर देगी। जिलों और वैक्सीनेशनस सेंटर्स की तरफ से यह जानकारी सार्वजनिक की जाएगी ताकि लोगों को दिक्कत न हो।

गाइडलाइन के तहत राज्य सरकारें ऐसे छोटे अस्पतालों की वैक्सीन डिमांड का खाका तैयार करेंगी और केंद्र सरकार ऐसे अस्पतालों को वैक्सीन सप्लाई करने में मदद करेगी। इसके लिए दोनों के स्तर पर साथ-साथ काम होगा।

इस गाइडलाइन में यह भी तय किया गया है कि वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियां जितनी वैक्सीन बनाएंगी उसकी 25 प्रतिशत वैक्सीन वह प्राइवेट अस्पतालों को देने के लिए स्वतंत्र है। प्राइवेट अस्पताल इस बारे में सीधे वैक्सीन कम्पनी से बात करेंगे और वैक्सीन उत्पादक कम्पनी राज्य में स्थित अस्पताल की स्थिति को देखते हुए वैक्सीन मुहैया कराएंगी। गरीबों को प्राइवेट अस्पतालों में फ्री वैक्सीन लगवाने के लिए ई-वाउचर जारी किए जाएंगे। ये नॉन ट्रांसफेरेबल होंगे। यानी वाउचर का इस्तेमाल सिर्फ वही व्यक्ति कर सकेगा जिसके नाम पर यह इश्यू किया जाएगा।