उत्तर प्रदेश: योगी सरकार खोलने जा रही हाईटेक क्लीनिक, बगैर डॉक्टरों के होगा इलाज!

उत्तर प्रदेश सरकार अब प्रदेश के कुछ गांवों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत हाईटेक क्लीनिक खोलने जा रही है। इस क्लीनिक में डॉक्टर की तैनाती नहीं होगी। मरीजों का इलाज टेली कॉन्फ्रेंसिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया जाएगा। डॉक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्क्रीन पर रिपोर्ट देखेंगे और उसी हिसाब से दवा के बारे में सलाह देंगे। जिसके बाद वह दवा मरीज को मशीन से ही मिल जाएगी। इन हाईटेक क्लीनिक में ओपीडी का संचालन नर्स, लैब टेक्नीशियन ही करेंगे इसमें ऑटोमेटिक मशीन से खून की जांच होगी रक्तचाप की जांच होगी और दूर से बैठे हुए डॉक्टर टेली कॉन्फ्रेंसिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मरीजों से बात करेंगे।

यह प्रयोग एक मल्टीनेशनल कंपनी के सहयोग से किया जा रहा है। जिसमें सरकार 10 पीएचसी पर ओपीडी स्थापित करेगी जिसमें आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। पंजीकरण के लिए नर्स और मरीजों के खून का नमूना लेने के लिए लैब टेक्नीशियन तैनात किए जाएंगे और सभी पीएचसी सेंटर्स को कमान सेंटर से जोड़ा जाएगा। जहां से कैमरे की मदद से कमान सेंटर को मरीज अपनी बीमारी की जानकारी देंगे।

ऑटोमेटिक मशीनों से मरीज के बीपी और जरूरी जानकारी की रिपोर्ट कमांड सेंटर को मिलेगी और उसी के आधार पर कमांड सेंटर में बैठे हुए डॉ मरीज का इलाज करेंगे। जानकारी के मुताबिक 10 जिलों में 11 अस्पतालों का चयन किया गया है जिसमें गोरखपुर की अर्बन हेल्थ पोस्ट रामपुर, वाराणसी की अर्बन हेल्थ पोस्ट, श्रावस्ती, बहराइच बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर, चंदौली, सोनभद्र, चित्रकूट और फतेहपुर शामिल हैं। इन सेंटर्स पर प्रयोग के तौर पर विदेशी मदद से लगने वाली ऑटोमेटिक मशीनें लगाई जाएंगी और उन्हीं के जरिए इलाज होगा।