सोनभद्र हत्याकांड : पीड़ित परिवारों से मिले सीएम योगी, कहा - आरोपियों का सपा से कनेक्शन

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र नरसंहार में 10 लोगों की मौत के पांच दिन बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौके वारदात का दौरा किया और मृतकों के परिजनों के आंसू पोछें। सोनभद्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम योगी ने कहा कि सोनभद्र नरसंहार मामले में आरोपियों का समाजवादी पार्टी से कनेक्शन हैं। सीएम योगी ने जानकारी दी कि मृतकों का मुआवजा 5 लाख से बढ़ाकर 18.50 लाख किया गया है। वहीं घायलों को अब 50 हजार से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे। योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र नरसंहार के मामले में कहा कि मैंने खुद डीजीपी को निर्देश दिया है कि वे व्यक्तिगत तौर पर मामले की निगरानी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस जमीन पर काफी समय से विवाद था। योगी ने जानकारी दी कि वारदात के बाद एसडीएम, सीओ, एसओ सहित हल्का और बीट के सभी सिपाही निलंबित कर दिए गए हैं। साथ ही इस जमीनी विवाद की जांच अपर मुख्य सचिव राजस्व को सौंप दी गई है।

बता दे, सोनभद्र में सीएम योगी आदित्यनाथ के पहुंचने से पहले हंगामे की आशंका को देखते हुए सपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। ज़िले के पूर्व विधायक अविनाश कुशवाहा, जिला सचिव प्रमोद यादव, लोहिया वाहिनी के प्रदेश सचिव मन्नू पाण्डेय समेत कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। सभी को कोतवाली में रखा गया है।

योगी ने कहा कि एक माह के भीतर सभी गांव वालों को सरकारी आवास की सुविधा दी जाएगी। घटना के बाद सीएम योगी ने गांव में पुलिस चौकी, अग्निशमन केन्द्र, आंगनबाड़ी केन्द्र और बुजुर्गों को पेंशन देने की घोषणा की। इस नृशंस हत्याकांड में घायल हुए लोगों के परिजनों को सीएम योगी ने 50-50 हजार का चेक दिया।

योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, 'दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सोनभद्र में हुई हत्या की जांच एक कमिटी करेगी। जो भी दोषी हैं उनको छोड़ा नहीं जाएगा।' उन्होंने कहा कि 1952 से लेकर अब तक के पूरे घटनाक्रम की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी सहित 29 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। सीएम ने कहा कि जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कल प्रियंका ने की थी पीड़ितों से मुलाकात

पीड़ित परिवारों की सात महिलाओं सहित कुल 15 लोगों ने प्रियंका से मुलाकात की और इसके बाद कांग्रेस महासचिव वाराणसी के लिए रवाना हो गयीं। प्रियंका गांधी को सोनभद्र में हुए सामूहिक हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने जाने के दौरान शुक्रवार को मिर्जापुर के अदलहाट क्षेत्र में प्रशासन ने रोककर अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत हिरासत में ले लिया था। बाद में उन्हें चुनार गेस्ट हाउस लाया गया था। कांग्रेस ने ये ऐलान किया है कि पार्टी हरेक मृतक परिवार को 10 लाख अनुदान के रुप में देगी। पीड़ित परिवार ने प्रियंका गांधी से बताया 17 तारीख को 11 बजे लोग बंदूक-डंडों के साथ पहुंच कर विवादित जमीन जोतने लगे। हम लोगों ने विरोध किया तो मारना शुरू कर दिया। हम चाहते हैं कि ट्रस्ट की जमीन आदिवासियों के बीच बांट दिया जाए। प्रियंका गांधी ने प्रशासन पर हमला करते हुए कहा कि यह घटना सहमति और मिलीभगत से हुई है। घटना के सुबह पुलिस ने फोन कर थाने बुलाया। आशंका जताने पर कहा कि कुछ नहीं होगा। महिलाओं पर फर्जी मुकदमे दायर किए गए हैं। हम इनके साथ खड़े हैं। इनकी लड़ाई लड़ेंगे। पीड़ित परिवारों को 25 लाख का अनुदान मिले, जमीन पर इनका मालिकाना हक मिले, मामला फ़ास्ट ट्रैक किया जाए, गलत केस खत्म किए जाए।

जमीनी विवाद में हुई थी 10 की मौत, 28 लोग जख्मी

गौरतलब है कि सोनभद्र के घोरावल थानाक्षेत्र के उम्भा-सपही गांव में 17 जुलाई को नरसंहार हुआ था। बीते बुधवार की दोपहर में सौ बीघा विवादित जमीन को लेकर गुर्जर और गोड़ बिरादरी में खूनी संघर्ष हो गया। इस दौरान फायरिंग के साथ जमकर लाठी-डंडे और फावड़े भी चले। इसमें 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 28 लोग जख्मी हो गए थे। जिसके बाद जिले में धारा 144 लागू कर दी गई। प्रशासनिक अधिकारी गुरुवार शाम लगभग पांच बजे मृतकों के शव लेकर उभ्भा गांव पहुंचे। शवों को देखते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया। शवों को दफ़नाने के स्थान को लेकर प्रशासन एवं ग्रामीणों में विवाद की स्थिति पैदा हो गई। गांव वालों की मांग थी कि जहां गोली चली है, शवों को उसी ज़मीन में दफ़नाया जाए जबकि प्रशासन का कहना था कि परम्परागत स्थान पर ही दफ़नाया जाएगा। अंतत: देर रात मामले में गतिरोध समाप्त हो गया और अधिकारियों ने ग्रामीणों को उनकी जिद छोड़ने के लिए मना लिया।