सीतापुर: ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने महिला के पेट में छोड़ा तौलिया, 4 महीने बाद निकाला

उत्तर प्रदेश के सीतापुर (Sitapur) में जिला महिला अस्पताल (District Hospital) से बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां, तैनात सीएमएस डॉ. सुषमा कर्णवाल ने ऑपरेशन के दौरान लापरवाही बरतते हुए एक महिला के पेट में तौलिया छोड़ दिया। इसके बाद प्रसूता को लगातार पेट दर्द व उल्टियां होती रहीं। जब पीड़िता को लखीमपुर में दिखाया गया तो एमआरआई टेस्ट में महिला के पेट में कुछ ठोस वस्तु होने की बात सामने आई। लखीमपुर के चिकित्सक ने दोबारा ऑपरेशन करने के बाद तौलियां निकाला। जब पीड़िता की अधिक हालत गंभीर बनी तो तौलिया के संक्रमण से उसकी आंत काटनी पड़ी। तब जाकर पीड़िता की जान बच पाई। यह मामला करीब 4 माह पहले का है।

News18 की खबर के अनुसार शहर के कजियारा पुराना सीतापुर निवासी मोहम्मद फैजान अख्तर अंसारी की पत्नी शगुफ्ता अंजुम को प्रसव पीड़ा होने पर 5 जून 2020 को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत गंभीर होने पर सीएमएस डॉ सुषमा कर्णवाल ने ऑपरेशन की बात कही। ऑपरेशन के बाद एक बेटी का जन्म हुआ। बच्ची को जन्म देने के बाद शगुफ्ता के पेट में लगातार दर्द व उल्टियां होती रहीं। इस पर परिवार वालों ने फिर सीएमएस को दिखाया। जिस पर सीएमएस ने कुछ दवाएं लिख दीं और कहा कि कुछ दिन बाद आराम मिल जाएगा। मोहम्मद फैजान ने बताया कि ऑपरेशन के बाद पेट बहुत कड़ा हो गया था। फायदा न होने पर लखनऊ में दिखाया। अल्ट्रासांउड, सिटी स्कैन कराया। लेकिन कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा था। इसके बाद लखीमपुर के चिकित्सक डॉ जेड खान को दिखाया तो उन्होंने MRI कराने की बात कही।

MRI में पेट में कुछ ठोस वस्तु होने की बात सामने आई। डॉक्टर ने दोबारा ऑपरेशन करने के बाद ही हालत में सुधार होने की बात कही। इसके बाद ऑपरेशन कराया तो तौलिया निकला। डॉक्टर ने बताया कि पेट में संक्रमण फैल गया है, इस वजह से मरीज की जान पर खतरा है। एक आंत सड़ चुकी है। जिसे काटना पड़ेगा। फिर चिकित्सक ने उस आंत को काटकर शगुफ्ता अंजुम की जान बचाई। प्रसूता के पति ने बताया कि फिलहाल अब पत्नी की हालत खतरे से बाहर है।

पीड़ित पति मोहम्मद फैजान ने सीएमएस द्वारा किए गए ऑपरेशन के दौरान बरती गई लापरवाही की शिकायत 10 अक्तूबर को पुलिस अधीक्षक से की। 22 अक्तूबर को जिलाधिकारी व सीएमओ को शिकायती पत्र दिया है। इसके जरिये सीएमएस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कठोर कार्रवाई किए जाने की बात कही है। लेकिन, अभी तक इस मामले में न तो मुकदमा दर्ज हुआ है, न ही सीएमएस पर कोई कार्रवाई हुई है। इससे परेशान पीड़ित लगातार अफसरों से शिकायत कर रहा है, लेकिन उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है।