उत्तर प्रदेश : अब सड़कों पर नहीं पढ़ी जाएगी नमाज, न ही होगा कोई धार्मिक आयोजन

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ और मेरठ में सड़क पर नमाज को रोकने में योगी सरकार को सफलता मिली है। दरहसल, ईद के दौरान मेरठ और अलीगढ़ में सड़कों पर नमाज पर रोक रही जिसके बाद मुस्लिम समाज ने मस्जिदों और ईदगाहों में ही ईद की नमाज अदा की, साथ ही ऊंट जैसे बड़े जानवर की कुर्बानी पर भी रोक लगाई गई। मुस्लिम समाज में व्यापक तौर इस पहल का स्वागत किया। सरकार ने कहा यह किसी समुदाय विशेष पर लागू नहीं होगा बल्कि सड़क पर होने वाले सभी धार्मिक आयोजन पर रोक रहेगी और खास मौकों पर प्रशासनिक स्वीकृति के बाद ही इजाजत दी जाएगी। शुरुआत में सरकार के इस फैसले के खिलाफ कुछ जगहों पर विरोध किया गया लेकिन प्रशासन ने सख्ती इसे लागू कराया वहीं कई जगह मुस्लिम समाज में व्यापक तौर इस पहल का स्वागत किया।

उत्तर प्रदेश अब इस मॉडल को पूरे राज्य में लागू करने जा रही है। डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने बताया है कि अब ऐसे किसी धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं होगी, जिससे लोगों को असुविधा हो।

बता दें हाल ही के दिनों में सड़कों पर होने वाले नमाज के खिलाफ सड़क पर हनुमान चालीसा और आरती जैसे कार्यक्रम भी शुरू हुए जिससे समाज में काफी तनाव बढ़ रहा था। साथ ही लोगों को कई असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा था। इसे देखते हुए मेरठ और अलीगढ़ में सड़क पर नमाज रोकने की एक पहल शुरू की गई जिसमें सरकार को सफलता मिली है। दोनों जगहों पर यह प्रशासनिक प्रयास सफल होने के बाद यूपी पुलिस ने इस पूरे राज्य में लागू करने का फैसला किया है।

बता दे, पश्चिम बंगाल में 'जय श्री राम' नारे लगने के बाद जमकर सियासत हुई। इसके बाद हनुमान चालीसा की राजनीति ने तेजी पकड़ी। पीछले दिनों में कई लोगों ने हावड़ा के सड़कों पर हनुमान चलीसा पढ़ी तो वहीं ऐसा ही एक नजारा अलीगढ़ में देखने को मिला। यहां पर भी लोगों ने सड़कों पर हनुमान चालीसा का पाठ किया। जिसकी वजह से सड़क पर लंबा जाम लग गया और यातायात भी काफी प्रभावित हुआ।