कानपुर शूटआउट / विकास दुबे की पत्नी के मोबाइल से कनेक्ट रहता था गांव का CCTV कैमरा, हर एक्टिविटी पर रखती थी नजर

कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के 3 दिन बीत चुके हैं लेकिन गैंगस्टर विकास दुबे अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। विकास को पकड़ने के लिए एसटीएफ की 20 टीमें और 3 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी लगाए गए हैं। । पुलिस ने उसके ऊपर इनाम राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी है। विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए धड़पकड़ तेज है। पुलिस राह चलते लोगों को विकास दुबे के पोस्टर दिखाकर पता लगा रही है। विकास के परिवार के लोगों समेत करीब 500 करीबियों के मोबाइल फोन पुलिस ने सर्विलांस पर ले रखे हैं। उसके करीबी पुलिसकर्मियों की भी निगरानी की जा रही है। यूपी के सभी 75 जिलों में विकास दुबे और उसके साथियों की गिरफ्तारी के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है।

मोबाइल से गांव का सीसीटीवी रहता था कनेक्ट

पुलिस की जांच में उसके परिवार के सदस्यों के चेहरे भी बेनकाब होने लगे हैं। पुलिस की रडार पर आई विकास की पत्नी ऋचा के बारे में चौंकाने वाली बातें सामने आई है। जांच में सामने आया है कि ऋचा के मोबाइल से गांव का सीसीटीवी कनेक्ट रहता था। जब भी पुलिस विकास को पकड़ती थी, वह क्लिप को सोशल मीडिया पर वायरल कर देती, ताकि पुलिस उसका एनकाउंटर न कर सके। यही नहीं, वह मोबाइल पर वहां की एक्टिविटी भी देखा करती थी। पुलिस ने ऋचा का मोबाइल जब्त कर लिया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि विकास की पत्नी ऋचा 2 बार पति की गिरफ्तारी की फोटो और वीडियो वायरल कर चुकी है। पहला मामला 2017 का है, जब पुलिस ने विकास को बिकरु गांव स्थित घर से गिरफ्तार किया था। दूसरा मामला 2019 का है। विकास ने जेल से ही चचेरे भाई अनुराग दुबे पर हमला करवाया था। इसके बाद वह जेल से छूट कर आया था। किसी दूसरे मामले में पुलिस उससे पूछताछ करने पहुंची थी।

अच्छे-बुरे कामों की थी जानकारी

पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि विकास की पत्नी ऋचा जिला पंचायत सदस्य है। उसे विकास के हर अच्छे-बुरे कामों की जानकारी रहती थी। यही वजह है कि वह क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य होने के बावजूद लखनऊ आवास पर बच्चों के साथ रहती थी। वह नहीं चाहती थी कि विकास के गलत कामों का नतीजा उसके बच्चे या वह खुद भुगते।

इसलिए सीसीटीवी लगवाया था

जांच में यह भी सामने आया है कि विकास ने सीसीटीवी भी इसी मकसद से लगवाया था कि कभी उसे पुलिस यहां से पकड़ कर ले जाए तो उसके पास सबूत हों और उसका एनकाउंटर न कर दिया जाए।

सीतापुर में 13 लोगों को हिरासत में लेकर 10 घंटे पूछताछ

हिस्ट्रीशीटर विकास का करीबी होने के शक में पुलिस ने बसपा नेता अनुपम दुबे समेत 13 लोगों को हिरासत में लिया था। पुलिस ने इन लोगों से 10 घंटे तक पूछताछ की। जांच में पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिले। जिन लोगों को हिरासत में लिया गया था, उनके सभी असलहे वैध पाए गए। वाहन चेकिंग के दौरान सीतापुर-हरदोई बाॅर्डर से पुलिस ने बसपा नेता को हिरासत ले लिया था। दो लग्जरी गाड़ियों में सवार 13 लोगों के पास से 9 असलहे और बड़ी मात्रा में कारतूस बरामद हुए थे। अब सभी लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया है।

इन 4 एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की ली जा सकती है मदद

उत्तर प्रदेश सरकार आरोपी विकास दुबे के खिलाफ अपने 4 एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तजुर्बें का फायदा उठा सकती है। ग्राउंड प्लानिंग बनाने के लिए इन चार सीनियर आईपीएस अफसर को आरोपी से निपटने के लिए लगाया जा सकता है। इन सभी के नाम 50 से लेकर 70 एनकाउंटर दर्ज हैं।

- अनंत देव की गिनती तेजतर्रार आईपीएस अफसरों में होती है। अनंत अब तक 60 से अधिक एनकाउंटर कर चुके हैं।

- आईपीएस नवनीत सिकेरा अब तक 56 से ज्‍यादा एनकाउंटर कर चुके हैं। नवनीत ने कुख्यात गैंगस्टर रमेश कालिया के आतंक को खत्‍म किया था।

- पांच वीरता पुरस्कार पाने वाले दलजीत चौधरी अब तक 60 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं। हाल ही में लखनऊ में सैफउल्लाह का एनकाउंटर किया था।

- चार वीरता पुरस्कार पाने वाले आईपीएस राजेश पांडेय एसटीएफ में एसपी भी रहे हैं। माफिया और यूपी के सीएम की सुपारी लेने वाले श्रीप्रकाश शुक्ला को मारने वाली टीम का हिस्सा भी बने। एक लाख के इनामी मंजीत को कोलकाता में जाकर मारा था। बनारस ब्लास्ट में शामिल लश्कर के आतंकवादी सलार को भी राजेश पांडेय ने ढेर किया था।