कानपुर शूटआउट का मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार, 2 जुलाई से था फरार

कानपुर के बिकरू में हुए शूटआउट का मुख्य आरोपी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि विकास दुबे ने महाकालेश्वर मंदिर की पर्ची कटाई और इसके बाद खुद ही सरेंडर कर दिया। फिलहाल, स्थानीय पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है और थाने में लेकर आई है। यूपी पुलिस ने विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। सरेंडर की खबर के बाद एसटीएफ की टीम उज्जैन रवाना हो गई है।

बताया जा रहा है कि विकास दुबे ने बकायदा स्थानीय मीडिया को अपने सरेंडर की खबर दी। इसके बाद उज्जैन के महाकाल थाने के पास उसने स्थानीय पुलिस के सामने सरेंडर किया है।

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने कही ये बात

विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि अभी विकास को मध्य प्रदेश पुलिस की कस्टडी में है। गिरफ्तारी कैसे हुई? मंदिर के अंदर से या बाहर से इसके बारे कुछ भी कहना अभी ठीक नहीं है। उसने क्रूरता की हदें शुरू से ही पार कर दी थी। वारदात होने के बाद से ही हमने पुलिस को अलर्ट पर रखा था।

कानपुर में 2 जुलाई को हुई घटना के बाद अब तक क्या-क्या हुआ उस पर एक नजर...

2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी, विकास की गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।

3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया। 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेर लिया। पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया। उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंग कर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।

6 जुलाई: पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया। शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी। रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी।

8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया। हमीरपुर के मौदाहा में मुठभेड़ में पुलिस ने विकास दुबे का दाहिना हाथ माने जाने वाले अमर दुबे को मार गिराया। अमर को विकास दुबे गैंग का शातिर बदमाश माना जाता था। 2 जुलाई की रात कानपुर देहात के बिकरू गांव में शूटआउट के मामले में भी अमर दुबे की तलाश थी। यूपी पुलिस ने जिन अपराधियों की तस्वीरें जारी की थी, उसमें अमर दुबे का नाम सबसे ऊपर था। पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था। प्रभात मिश्रा समेत 10 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।

9 जुलाई: प्रभात मिश्रा और बऊआ दुबे एनकाउंटर में मारे गए। प्रभात मिश्रा को पुलिस ने फरीदाबाद के होटल से गिरफ्तार किया था। जानकारी के मुताबिक प्रभात पुलिस की कस्टडी से भाग रहा था। इसके बाद एनकाउंटर में प्रभात को मार गिराया गया। आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि पुलिस टीम प्रभात को लेकर फरीदाबाद से आ रही थी। रास्ते में गाड़ी पंचर हो गई। इस दौरान प्रभात ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। इसके बाद हुए एनकाउंटर में प्रभात मारा गया है। इस दौरान कुछ सिपाही घायल हुए।

उत्तर प्रदेश के इटावा में विकास दुबे के करीबी बउवा दुबे को पुलिस ने मार गिराया। पुलिस के मुताबिक, बउवा दुबे ने महेवा के पास हाईवे पर स्विफ्ट डिजायर कार को लूटा था। उसके साथ तीन और बदमाश थे। पुलिस को लूट की जैसे ही खबर मिली, पुलिस ने चारों को सिविल लाइन थाने के काचुरा रोड पर घेर लिया।