चिंता / कोरोना वार्ड में नहीं थी ड्यूटी फिर भी संक्रमित हुआ जूनियर डॉक्टर

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की चिंता उस समय बढ़ गई जब यहां नॉन कोरोना वार्ड में ड्यूटी पर लगा एक जूनियर डॉक्टर संक्रमित पाया गया। डॉक्टरों को डर है कि कैंपस में कम्युनिटी संक्रमण का खतरा तो नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो कैंपस में रहने वाले कई परिवारों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।

शुक्रवार को जूनियर डॉक्टर में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए थे जिसके बाद नमूने लिए गए शनिवार को आई रिपोर्ट में जूनियर डॉक्टर पॉजिटिव पाया गया। पॉजिटिव आने के बाद डॉक्टर को कोरोना वार्ड में भर्ती करा दिया गया है।

वहीं, दूसरी ओर कॉलेज प्रशासन को यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर डॉक्टर कोरोना का शिकार कैसे हुआ? क्योंकि जूनियर डॉक्टर की ड्यूटी कोरोना वार्ड में लगाई ही नहीं गई थी। ऐसे में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी चिंतित है। डॉक्टरों को डर है कि अगर कैंपस में संक्रमण हुआ तो कई स्वास्थकर्मियों के परिवार चपेट में आएंगे। इसके बाद मुश्किलें और भी बढ़ जाएगी।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज को पहले ही रेड जोन कैंपस घोषित किया जा चुका है। इसके बाद भी मरीजों के साथ तीमारदारों की आवाजाही बढ़ी है। इसे लेकर कॉलेज प्रशासन निर्देश भी जारी कर चुका है कि मरीजों के साथ केवल एक ही तीमारदार आए। लेकिन इस निर्देश का असर नहीं हुआ। मरीजों की साथ तीमारदारों की संख्या भी लगातार बढ़ता जा रहा है। बीआरडी प्राचार्य डॉ गणेश कुमार ने कहा कि एनेस्थीसिया के डॉक्टर की ड्यूटी कोरोना वार्ड में नहीं लगाई गई थी। वह कैसे संक्रमित हुआ। इसकी जानकारी की जुटाई जा रही है।

बता दे, उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। बीते 24 घंटे में 433 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब तक राज्य में 10 हजार 536 लोग संक्रमित हो चुके हैं। एक दिन में सात और लोगों की जान गई है। मेरठ में 3, आगरा में 2 व लखनऊ, कानपुर में 1-1 की जान गई। अब तक कुल 275 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आकर असमय मौत का शिकार हो चुके हैं। हालांकि, इस अवधि में 278 मरीज स्वस्थ भी हुए। अभी तक 59% (6 हजार 185) रोगी ठीक हो चुके हैं। लेकिन 4 हजार 76 का इलाज चल रहा है।