फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का भीड़ की हिंसा पर हाल ही में दिया गया बयान बड़े विवाद की वजह बन गया है। नसीरूद्दीन शाह ने कहा कि मुझे इन हालातों से डर लगता है कि कहीं मेरे बच्चों को भीड़ ने घेर लिया और उनसे पूछा जाए कि तुम हिंदू हो या मुसलमान? तब क्या होगा। समाज आज जहर से घिर गया है। अब इसे रोक पाना मुश्किल होगा। इस जिन्न को वापस बोतल में बंद करना मुश्किल होगा। जो कानून को अपने हाथों में ले रहे हैं, उन्हें खुली छूट दे दे गई है। कई क्षेत्रों में हम यह देख रहे हैं कि एक गाय की मौत एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा अहम है। फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह द्वारा देश के माहौल और डर को लेकर दिए गए बयान पर अब तमाम लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र से भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने फिल्म अभिनेता नसीरूददीन शाह के भारतीय होने पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि शाह को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। अपने बयानों के कारण अकसर विवादों के घेरे में रहने वाले सिंह ने कहा, 'शाह पाकिस्तान चले जाएं। उनके एयर टिकट व वीजा का प्रबंध मैं करूंगा।' उन्होंने हिंदुओ का आह्वान किया कि वे विकास एवं बिजली की बजाय सम्मानजनक जीवन के लिए मोदी व योगी का समर्थन करें।
फिल्म अभिनेता शाह के हाल के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि शाह बनावटी बात बोल रहे हैं। उनकी मानसिकता भारतीय नहीं है। उन्होंने कहा कि शाह को कश्मीरी पंडितों का दर्द समझ नहीं आया। पाक सीमा पर सैनिकों के मारे जाते समय उनका दर्द अभिनेता को समझ नहीं आता। हनुमान जी की जाति को लेकर छिड़े विवाद पर उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि हनुमान जी को मुस्लिम से लेकर दलित व अन्य सभी वर्ग के लोग स्वीकार कर रहे हैं। योग गुरु बाबा रामदेव का नसीरुद्दीन शाह पर वार
नसीरुद्दीन शाह के बयान पर अपनी प्रतिकिया देते हुए बाबा रामदेव ने कहा 'नसीरुद्दीन शाह जैसे लोग जो इस देश से शोहरत पाते हैं, सेलब्रेटी बन जाते हैं, करोड़ों-अरबों की दौलत पा जाते हैं और उसके बाद जिस तरह से देश को कोस रहे हैं, पूरे देश को कटघरे में खड़ा करते हैं तथा पूरी दुनिया में भारत की बदनामी करते हैं यह देश के साथ धोखा और गद्दारी है।' उन्होंने कहा 'जितनी आजादी और सहिष्णुता भारत में है उतनी दुनिया के किसी मुल्क में नहीं है। इसके बावजूद भी एक दो घटनाओं को लेकर पूरे देश को बदनाम करना अशोभनीय है। पाकिस्तान के लेकर दुनिया के जो दूसरे देश हैं वो हम पर हसते हैं और रेफरेंस के तौर पर नसीरुद्दीन जैसे लोगों के बयान को खोजते हैं।' नसीरुद्दीन शाह के बचाव में आशुतोष राणा
इसी दौरान तीखी प्रतिक्रियाओं के बीच अभिनेता आशुतोष राणा ने शाह का बचाव करते हुए कहा था कि अपनी बात रखने पर किसी का 'सामाजिक ट्रायल' नहीं होना चाहिए। राणा ने कहा था कि सभी लोगों को अपने मन की बात साझा करने का अधिकार है और स्वतंत्रता का मतलब भी यही होता है। देश में अगर कोई अपने मन की बात रखता है तो क्या उसका सामाजिक ट्रायल होना चाहिए? उन्होंने कहा कि घर या परिवार के सदस्य की तरफ से कोई प्रतिक्रिया आती है तो उस पर विचार होना चाहिए। मन की बात कहने पर इस तरह के विवाद खड़ा करने से क्या देश की अर्थव्यवस्था सुधर जाएगी या आमदनी बढ़ जाएगी। राणा ने कहा कि इस तरह के विवाद करने से क्या रोजगार बढ़ सकता है? इसलिए हम सबको किसी के मन की बात का सामाजिक ट्रायल नहीं करना चाहिए बल्कि उन बातों को गम्भीरता से सुनना चाहिए।