UP News: हटाए गए 11000 लाउडस्पीकर, 35000 से ज्यादा की आवाज को किया गया कम

उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों से अब तक करीब 10,923 लाउडस्पीकरों को उतारा जा चुका है वहीं करीब 35,221 लाउडस्पीकरों की आवाज को कम किया जा चुका है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि जिन लाउडस्पीकरों को हटाया गया है, वे बिना अनुमति बजाए जा रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे प्रदेश में बिना किसी भेदभाव के यह अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही गृह विभाग ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर जिलों से 30 अप्रैल तक रिपोर्ट मांगी है। एडीजी ने बताया कि जिन लाउडस्पीकरों को जिला प्रशासन से अनुमति लिए बिना लगाया गया है या जहां तय की गई संख्या से ज्यादा लाउडस्पीकर मिले हैं, उन्हें अनधिकृत माना गया है। पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक लखनऊ जोन में सबसे ज्यादा 2,395 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं। इसके बाद गोरखपुर जोन में 1,788, वाराणसी जोन में 1,366 और मेरठ जोन में 1204 लाउडस्पीकर उतारे गए हैं। इसी तरह लखनऊ जोन में सबसे ज्यादा 7,397 फिर बरेली में 6,257 और मेरठ में 5,976 लाउडस्पीकरों की आवाज कम कर उसे तय मानक के अनुसार कर दिया गया है। आपको बता दे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले हफ्ते वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था पर समीक्षा बैठक के दौरान कहा था कि लोगों को अपनी आस्था के अनुसार धार्मिक प्रथाओं को करने की स्वतंत्रता है। उन्होंने इस दौरान कहा था कि लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखना होगा कि उसकी आवाज परिसर से न निकले। लोगों को किसी तरह की समस्या न हो।

कहां-कितनी हुई कार्रवाई

बरेली


दरगाह-ए-आला हजरत से लाउडस्पीकर हटाया गया, 150 से ज्यादा धार्मिक स्थानों पर लगे लाउडस्पीकरों की आवाज कम की गई।

हमीरपुर


सदर तहसील में 40 मस्जिद और 61 मंदिरों से लाउडस्पीकर उतारे गए।

इटावा

156 लाउडस्पीकर हटाए गए जबकि 67 की आवाज मानक के मुताबिक की गई।

मिर्जापुर


93 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए गए, 107 की आवाज कम की गई।

सहारनपुर

28 मंदिरों में जबरन लाउडस्पीकर लगवाने वाले हिंदू योद्धा परिवार संगठन के अध्यक्ष चौधरी विश सिंह को गिरफ्तार किया गया।

पक्षपातपूर्ण होने के आरोप बेबुनियाद

वहीं कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने लाउडस्पीकर को लेकर की जारी कार्रवाई के पक्षपातपूर्ण होने के आरोप बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि पहले लाउडस्पीकर का इस्तेमाल शहरी और इफ्तारी का समय बताने के लिए किया जाता था लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि गोरखनाथ मंदिर में भी लाउडस्पीकर स्पीकर की आवाज को कम किया गया। कई मंदिर-मस्जिद ने खुद ही आवाज कम कर ली। सभी के लिए एक सा नियम बनाए गए हैं।