आतंकी हमले का खतरा, अमेरिका ने कहा - PAK एयरस्पेस का इस्तेमाल नहीं करे अमेरिकी विमान

आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर अमेरिका ने अपनी विमान कंपनियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। अमेरिका ने सभी एयरलाइनों को पाकिस्तानी एयरस्पेस का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है। पाकिस्तान में अमेरिकी विमानों पर आतंकी हमला हो सकता है। अमेरिका ने यूएस एयरलाइनों (कमर्शल और अमेरिकी सरकार के विमानों) को चेतावनी दी है कि वे पाकिस्तानी एयरस्पेस में जाने से बचें क्योंकि चरमपंथी और आतंकी समूह प्लेन को निशाना बना सकते हैं। यह एडवाइजरी तब जारी हुई है जब दो दिन पहले इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर कई प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया था।

क्या कहा गया एडवाइजरी में

अमेरिका के फेडरल एविएशन ऐडमिनिस्ट्रेशन (FAA) की तरफ से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि आतंकी संगठन और कट्टरपंथियों की ओर से अमेरिकी विमानों को खतरा हो सकता है। ऐसे विमानों को खतरा हो सकता है जो ज्यादा नीचे उड़ान भरते हैं। पाकिस्तान में सक्रिय अतिवादी/आतंकी तत्वों की मौजूदगी से अमेरिकी विमानों पर छोटे हथियारों, एयरपोर्ट पर हमले और ऐंटी-एयरक्राफ्ट फायर के जरिए निशाना बनाए जाने का लगातार जोखिम है।

पाकिस्तान में कुछ आतंकी संगठनों पर शक है कि उनकी पहुंच मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम तक हो गई है। संभव है कि पाकिस्तान में सिविल एविएशन पर भी इसके जरिए हमला हो सकता है। अडवाइजरी में 2014 से लेकर 2019 के बीच पाकिस्तान में सिविल एविएशन को टारगेट करने की आतंकियों की कोशिशों का भी जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि 2014 से 2019 के बीच पाकिस्तान में सक्रिय चरमपंथी/आतंकी समूहों ने एयरपोर्ट समेत एविएशन इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कई हमलों के जरिए अपने इरादों को जाहिर किया है।

अडवाइजरी में कहा गया है कि अगस्त 2019 में 2 लोगों को इस्लामाबाद इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर एक कमर्शल एयरक्राफ्ट पर छोटे हथियार से फायरिंग के लिए गिरफ्तार किया गया था। अडवाइजरी में 2015 में बलूचिस्तान स्थित 2 एयरफील्डों और पेशावर में पाकिस्तानी एयर फोर्स बेस पर आतंकी हमलों का भी जिक्र किया गया है जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी और कई जख्मी हुए थे।

वही बगदाद में दूतावास पर हमले के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया था। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इराक में अमेरिकी दूतावास पर ईरान हमले करवा रहा है।

इससे पहले अमेरिका ने एक हवाई हमले में ईरान समर्थित एक गुट पर हमला किया था, जिसमें 25 की मौत हुई थी। अमेरिका का आरोप था कि इस गुट का अमेरिकी ठेकेदार की मौत के पीछे हाथ था। इसी के विरोध में इराक के बगदाद में ईरानी समर्थक अमेरिका के खिलाफ हल्ला बोल किए हुए थे।