ट्रंप ने जून में होने वाला G-7 सम्मेलन टाला, भारत समेत अन्य देशों को करना चाहते हैं शामिल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने G-7 समिट टालने का फैसला किया है। यह समिट जून में व्हाइट हाउस में होने वाली थी। ट्रम्प ने शनिवार को अपने आधिकारिक प्लेन एयरफोर्स वन पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता है कि जी-7 दुनिया की मौजूदा स्थिति का सही ढंग से प्रतिनिधित्व करता है। यह देशों का बहुत पुराना समूह है इसलिए जून में होने वाली इस शिखर सम्मेलन के टालने का फैसला किया है।

ट्रम्प ने यह भी कहा, 'G-7 के बदले एक विस्तारित सम्मेलन बुलाया जाएगा। इसमें भारत, रूस, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को भी आमंत्रित करना चाहेंगे। अब यह सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के पहले या उसके बाद हो सकता है।'

जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल के कार्यालय ने कहा कि जब तक कोरोना वायरस का प्रकोप जारी रहता है तब तक वह शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगी।

बता दें कि जी-7 के सदस्य है, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, इटली और अमेरिका। जी-7 दुनिया के सात विकसित देशों का एलीट क्लब है। जो विश्व की अर्थव्यवस्था की दिशा तय करती है। इन देशों का दुनिया की 40% जीडीपी पर कब्जा है।

इस बार अमेरिका के कैंप डेविड में जी-7 सम्मेलन होना था। हालांकि, कोरोना की वजह से सदस्य देशों के नेताओं का व्यक्तिगत तौर पर आना मुमकिन नहीं था। ऐसे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जून में यह बैठक बुलाने का फैसला किया गया था।

क्यों पड़ी G-7 समूह की जरूरत

70 के दशक में कई देशों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। पहला- तेल संकट और दूसरा- फिक्स्ड करेंसी एक्सचेंज रेट्स के सिस्टम का ब्रेक डाउन।

1975 में G-7 की पहली बैठक आयोजित की गई, जहां इन आर्थिक समस्याओं के संभावित समाधानों पर विचार किया गया। सदस्य देशों ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक नीति पर समझौता किया और वैश्विक आर्थिक मंदी से निपटने के लिए समाधान निकाले।

चीन नहीं है इसका हिस्सा

चीन G20 का हिस्सा है, लेकिन G7 में शामिल नहीं है। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवथा है, फिर भी G-7 का हिस्सा नहीं है। इसकी वजह ये है कि चीन में सबसे ज्यादा आबादी है और प्रति व्यक्ति आय संपत्ति G-7 देशों के मुकाबले बहुत कम है। ऐसे में चीन को उन्नत या विकसित अर्थव्यवस्था नहीं माना जाता है।

आखिरी बार अमेरिका में 2012 में हुआ था G-7 समिट

आखिरी बार अमेरिका में यह समिट 2012 में हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मैरीलैंड के कैंप डेविड में सरकारी इमारत में समिट कराई थी। 2004 में पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने जॉर्जिया के सी आइलैंड रिजॉर्ट में इसे आयोजित किया था। अगस्त 2019 में जी-7 समिट फ्रांस के बियारिट्ज शहर में हुई थी। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी7 शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया था।