मायावती का भाई-भतीजावाद, आनंद को बनाया उपाध्यक्ष और आकाश को नेशनल कॉर्डिनेटर की दी जिम्मेदारी

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद मायावती ने पहली बड़ी बैठक की। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अहम बैठक हुई जिसमें कई अहम बदलाव किए गए। मायावती ने बसपा में बड़े संगठनात्मक बदलाव करते हुए एक बार फिर भाई और भतीजे पर अपना भरोसा जताया है। बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार को एक बार फिर पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं मायावती के भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है। इस बार पार्टी में दो नेशनल कॉर्डिनेटर बनाए गए हैं। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम को भी नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया गया है। दानिश अली को लोकसभा में बीएसपी का नेता बनाया गया है। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में देश भर से संगठन के क़रीब पांच सौ से ज़्यादा पदाधिकारी मौजूद थे। इनमें विधानसभा से लेकर मंडल प्रभारी तक शामिल थे। बैठक में जाने से पहले सभी के मोबाइल, पेन और चाभी जमा करवा लिए गए थे।

जौनपुर से सांसद श्याम सिंह यादव लोकसभा में बीएसपी के उपनेता होंगे। जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्र राज्यसभा में बीएसपी के नेता होंगे। रविवार की बैठक में बीएसपी के तमाम नेताओं को बुलाया गया था। नेताओं के साथ बैठक में पार्टी प्रमुख मायावती ने इन पदों पर फैसले लिए।

पार्टी में उपाध्यक्ष ही अध्यक्ष के बाद सबसे ताक़तवर होता है। यानी भाई आनंद अब बहन मायावती के बाद पार्टी में नंबर दो के नेता होंगे। मायावती ने अपने भांजे आकाश को बीएसपी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बना दिया है।आनंद के बेटे आकाश पिछले दो साल से मायावती के साथ साये की तरह रहते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले ही मायावती ने उन्हें बड़ी ज़िम्मेदारी देने का एलान किया था। पिछले साल से ही पार्टी में नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाने की परंपरा शुरू हुई थी। ये पद पार्टी के प्रमुख महासचिव जैसा है। मायावती ने आकाश को देश भर में बीएसपी के संगठन को मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी दी है। उन्हें नौजवानों को बीएसपी से जोड़ने को कहा गया है। लखनऊ में बीएसपी के नेताओं की बैठक के बाद मायावती ने इन फ़ैसलों के बारे में बताया। उन्होंने अपने भाषण में छोटे भाई आनंद और उनके बेटे आकाश की जम कर तारीफ़ की।

लोकसभा चुनाव में संतोषजनक सीटें न मिलने से मायावती खफा बताई जा रही हैं और इसी को देखते हुए वे अपनी पार्टी में बड़े बदलाव कर रही हैं। इससे पहले जून के शुरुआती दिन में दिल्ली में हुई एक बैठक में बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्होंने छह राज्यों के लोकसभा चुनाव प्रभारियों की छुट्टी कर दी थी। इसके साथ ही तीन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को भी उनके पद से बेदखल कर दिया था। मायावती के निशाने पर प्रदेश के 40 समन्वयक और जोनल समन्वयक हैं, जिनपर कार्रवाई हो रही है।