राजधानी लखनऊ में पहली बार 21 और 22 फरवरी को यूपी इंवेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। इस दो दिनी समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी करेंगे, समापन समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद रहेंगे। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि यूपी इंवेस्टर्स समिट के लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी की जा चुकी हैं और अब इंवेस्टर्स भी आने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इंवेस्टर्स समिट अपने में एक ऐतिहासिक समिट है, जिसकी सराहना देश और प्रदेश के ख्याति प्राप्त उद्योगपतियों ने की है। इस समिट में भाग लेने के लिये उद्योगपति खुद ही आने के लिए उत्सुक हैं।
वही दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने आईपीएन से बातचीत में सवालिया अंदाज में कहा कि सरकार एक तरफ तो कह रही है कि लाखों करोड़ के एमओयू हो रहे हैं? ऐसे में सरकार को बताना चाहिए कि उन एमओयू में प्रदेश के युवाओं को कितना और कब रोजगार मिलेगा?
उन्होंने कहा कि एक निश्चित समयावधि के भीतर बेरोजगारों को रोजगार मिलना चाहिए, जिसका खुलासा सरकार को करना चाहिए। कहा कि क्या सरकार रोजगारविहीन विकास की ओर बढ़ रही है?
वही दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने आईपीएन से बातचीत में सवालिया अंदाज में कहा कि सरकार एक तरफ तो कह रही है कि लाखों करोड़ के एमओयू हो रहे हैं? ऐसे में सरकार को बताना चाहिए कि उन एमओयू में प्रदेश के युवाओं को कितना और कब रोजगार मिलेगा?
उन्होंने कहा कि एक निश्चित समयावधि के भीतर बेरोजगारों को रोजगार मिलना चाहिए, जिसका खुलासा सरकार को करना चाहिए। कहा कि क्या सरकार रोजगारविहीन विकास की ओर बढ़ रही है?
राजपूत ने कहा कि सरकार यह भी बताए कि यह 'इंवेस्टर्स समिट है या डिसइंवेस्टमेंट समिट' है, क्योंकि जानकारी मिली है कि सरकार लखनऊ विकास प्राधिकरण सहित अन्य प्राधिकरणों की तमाम योजनाओं को नीलामी में रखने जा रही है। सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना होगा।
प्रवक्ता ने सरकार से यह भी पूछा कि सड़क पर विशेष रूप से लोहिया पथ पर जो लाइट्स अभी कुछ समय पहले लगी थी, उनमें सरकार ने क्या खराबी पाई, जिसकी वजह से वह सारी लाइटें बदली गई हैं। सरकार का यह कदम किसी बड़े घोटाले की ओर संकेत करता है।
अखिलेश यादव ने कसा था तंजसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव निवेश को लेकर तंज भी कसा था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि पिछले कुछ सालों में कुछ बेहतर भविष्य के लिए अपना पैसा लेकर भारत से बाहर चले गए और कुछ बैंकों का पैसा लेकर। मतलब कुछ बाहर जाकर बस गये और कुछ बच गये। इधर हमारा प्रदेश ये इंतजार कर रहा है कि निवेश कब होगा। सच तो ये है कि लोग पैसा लेकर बाहर जा रहे हैं, न कि निवेश के लिए आ रहे हैं।