बैंक से जुड़े इन नियमों को जानकार शायद हो सकता है आपकों फ़ायदा

बैंक एक ऐसा शब्द जिसे सुनकर लोगों को नोटबंदी की लाइन याद आ जाती हैं। डिजिटल इंडिया की तरफ कई कदम उठाने के बाद भी भारत की जनता का एक बड़ा तबका इससे अछुता हैं और वह आज भी अपने काम के लिए बैंक की लाइन में खड़ा रहकर अपनी बारी का इन्तजार करता रहता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं बैंक से जुड़े कुछ नियम जो हर उपभोक्ता को जानने की आवश्यकता हैं और आपके इंतजार का समय भी काम कर सकते हैं। अगर आप बैंक के ये नियम नहीं जानते तो कोई बात नहीं, आइये हम बताते हैं आपको बैंक से जुड़े ये अनसुने नियम।

* बैंकों के लिए तय नहीं है लंच टाइम :
आरबीआई ने आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि सरकारी व प्राइवेट बैंकों में लंच के लिए कोई वक्त तय नहीं है। बैंक अधिकारी एक साथ लंच पर न जाकर कामकाज को प्रभावित किए बिना अलग-अलग समय पर भी लंच के लिए जा सकते हैं। हालांकि अधिकतर बैंकों में ऐसा नहीं होता है, बैंक अपने द्वारा तय किए गए समय पर लंच के लिए काम रोककर ग्राहकों की मुसीबत बढ़ाते हैं।

* लेन-देन से जुड़ी सभी खिड़कियों में ग्राहकों की सेवा के लिए अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य है : बैंकों के कामकाज से जुड़ी नियमावली के अनुसार सभी काउंटर या खिड़कियों पर ग्राहकों को सेवा प्रदान करने हेतु किसी न किसी अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य है। यदि किसी काउंटर में ग्राहकों की सेवा के लिए कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं है तो यह नियमों के विरुद्ध है। अगली बार जब भी आप बैंक जाएं और ऐसी किसी समस्या से आपका सामना हो तो अपने अधिकार न भूलते हुए आवाज जरूर उठाइएगा, शायद आपकी एक आवाज से और भी कई जरूरतमंद लोगों का भला हो जाए।

* किसी खास अंक जैसे 1,111 अथवा 2,222 जैसी कीमत की राशि जमा करने से बैंक मना नहीं कर सकता : आरटीआई याचिकाकर्ता ने अपनी समस्या रखते हुए कहा था कि कुछ बैंक अधिकारी 1,111 या 2,222 की कुल कीमत की राशि जमा करने पर नियमों का हवाला देते हुए लेन-देन से मना कर देते हैं। इस स्थिति को स्पष्ट करते हुए आरबीआई का कहना है कि ऐसी कोई नियमावली नहीं हैं जिसके अंतर्गत किसी को भी 1,111 या 2,222 जैसी कोई भी राशि जमा करने से मना किया जा सके।

* लंच ब्रेक के दौरान बंद नहीं किए जा सकते बैंक के दरवाजे
: अक्सर ऐसा देखा गया है कि लंच के लिए तय समय में कई बैंकों के दरवाजे उपभोक्ताओं के लिए बंद कर उन्हें बाहर इंतजार करने कह दिया जाता है। ऐसे में आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस बारे में सवाल का जवाब देते हुए आरबीआई ने स्पष्ट किया कि भोजन अवकाश के दौरान कोई भी बैंक लोगों के लिए अपने दरवाजे बंद नहीं कर सकता है। अगली बार यदि आपको ऐसी किसी स्थिति का सामना करना पड़े तो इस नियम के हवाले से आवाज उठाना न भूलें।