निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में पेश करेंगी मोदी सरकार-2 का पहला बजट

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे लोकसभा में पेश करेंगी। इस बजट के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए ठोस कदम बढ़ाने की चुनौती है। नरेंद्र मोदी सरकार को झोली भर-भर कर वोट देने के बाद जनता-जनार्दन अब टकटकी लगाकर बैठी है कि निर्मला के पिटारे से उनके लिए क्या निकलता है? गुरुवार को आए आर्थिक सर्वेक्षण से अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार की दिशा और नीति साफ हो गई है। आर्थिक सर्वेक्षण में वर्ष 2019-20 के लिए वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत पर थी। 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना देख रही मोदी सरकार को 8 फीसदी की वृद्धि दर बरकरार रखना एक बड़ी चुनौती है। अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार कुछ ऐसे प्रावधानों की घोषणा कर सकती है कि जिससे लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़े।

2019-20 के अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट देने की घोषणा की गयी थी। फिलहाल 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से ऊपर आय पर कर की दर 30 प्रतिशत है। सूत्रों के मुताबिक आयकर की धारा 80 (C) के तहत मिलने वाली कटौती को भी बढ़ाया जा सकता है। सरकार के इन कदमों से गवर्नमेंट स्पेंडिंग को बढ़ावा मिल सकता है। बजट में कृषि, पानी, आधारभूत संरचना और आर्थिक सुधारों को लेकर प्रावधान किए जाने की संभावना है। साथ ही स्वास्थ्य और रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी बजट में कुछ घोषणाएं हो सकती है।

बजट में रोजगार सृजन सरकार का मुख्य एजेंडा रहने वाला है। हाल ही में एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगारी का आंकड़ा 45 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गया है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि विकास की धीमी रफ्तार की वजह नई नौकरियों का न हो पाना भी है। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि रोजगार सृजन के लिए सरकार को बड़े पैमाने पर निवेश करना पड़ेगा।

आम चुनावों के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष का अंतरिम बजट फरवरी में तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पेश किया था। लोकसभा में बजट पेश होने के बाद राज्यसभा में भी टेबल किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को सुबह 11:00 बजे अपने बजटीय भाषण की शुरुआत करेंगी। वित्त मंत्री अपने भाषण की शुरुआत लोकसभा स्पीकर को संबोधित करके शुरू करेंगी। इसके अलावा 8 जुलाई को बजट पर आम चर्चा हो सकती है और 11 से 17 जुलाई के बीच अनुदान मांगों पर भी चर्चा हो सकती है।