रूसी सैनिक से भीड़ गई यूक्रेनी महिला, बोली - अपने जेब में सूरजमुखी के बीज रख लो, ताकि जब आप यहां दफन हों तो फूल उग सकें; VIDEO

जंग के दूसरे दिन ही रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंच चुकी है। राजधानी कीव धमाकों से दहल उठी है। इस बीच यूक्रेन की हेनीचेस्क सिटी में एक यूक्रेनी महिला रूसी सैनिक से भिड़ गई। बड़ी बड़ी बंदूकें ताने खड़े सैनिक के सामने महिला बिल्कुल भी नहीं घबराई।

जेब में हाथ डालकर खड़ी हुई महिला रूसी सेना पर जमकर अपनी भड़ास निकाली. महिला ने कहा कि आप बिन बुलाए मेरे देश में क्यों आए हैं? अपनी जेब में सूरजमुखी के बीज डाल लीजिए ताकि जब यूक्रेन की धरती में आपको दफन किया जाए तो फूल उग सकें। ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

दरअसल रूसी सेना यूक्रेन में घुस चुकी है। दावा किया गया है कि रूस ने यूक्रेन के कई हिस्सों पर कब्जा भी कर लिया है। यह समझना मुश्किल है कि यूक्रेन के लोग अभी क्या महसूस कर रहे होंगे। रूसी सैनिकों यूक्रेन की हर गली-मोहल्लों पर तैनात हैं। हेनीचेस्क सिटी में भी सैनिक तैनात हैं जिन्हें देखकर ये महिला भड़क गई और बिना डरे उनका सामना करने पहुंच गई।

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि दुनिया ने हमें जंग में लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया है। उन्होंने दावा किया है कि रूसी सेना राजधानी में दाखिल हो गई है। अगले 96 घंटे यानी 4 दिन में कीव पर रूस का कब्जा हो जाएगा। रूसी सेनाएं रिहाइशी इलाकों को टारगेट कर रही हैं। उन्होंने रूसी नागरिकों से अपील की है कि वे इस जंग के खिलाफ प्रदर्शन करें।

यूक्रेन की रक्षा मंत्री ने दावा किया है कि यूक्रेनी फोर्सेस ने रूस के 7 एयरक्राफ्ट, 6 हेलिकॉप्टर, 30 टैंक तबाह कर दिए हैं।​​​​​ यूक्रेन ने दावा किया है कि उनकी फोर्सेस ने 800 से ज्यादा रूसी सैनिकों को मार गिराया है। 30 रूसी टैंक और 7 जासूसी एयरक्राफ्ट को भी तबाह कर दिया है।

उधर, यूक्रेन पर हमला कर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने ही देशवासियों का विरोध झेल रहे है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पुतिन के खिलाफ रूस के 54 शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें 1,700 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। जैसे ही यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान हुआ, वैसे ही रूस में सोशल मीडिया पर इसका विरोध भी शुरू हो गया। गुरुवार सुबह से ही सैकड़ों पोस्ट में लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं। रूसी लोग इसे 1979 में अफगानिस्तान में सोवियत के हमले के बाद अब तक सबसे बड़ा हमला बता रहे हैं।