नई दिल्ली। NEET विवाद के बाद यूजीसी-नेट का पेपर लीक होने से परीक्षा कराने वाली एजेंसी एनटीए सवालों के घेरे में है। शिक्षा मंत्रालय ने पीपर लीक की जांच सीबीआई को सौंप दी है और एनटीए की समीक्षा करवाने के लिए एक टीम गठित कर दी है। गृह मंत्रालय के 14सी को पेपर लीक से जुड़े इनपुट मिलने के बाद यह फैसला किया गया था। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म टेलीग्राम के जरिए पेपर लीक किया गया था और एक दिन पहले ही पेपर के लिए कीमत मांगी जाने लगी थी।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक टेलीग्राम पर प्रश्नपत्र के स्क्रीनशॉट और कई लिंक पोस्ट किए जा रहे थे। बाद में शिक्षा मंत्रालय ने जब उनको पेपर से मैच कराया तो यह सेम निकला। 14 C के अधिकारियों से हवाले से इस रिपोर्ट में बताया गया कि यूजीसी नेट के क्वेश्चन पेपर टेलीग्राम पर 5 हजार रुपये में बेचे जा रहे थे। अधिकारियों को एक अन्य ग्रुप के बारे में पता चला था जिस पर 10 हजार रुपये में प्रश्न पत्र को बेचा जा रहा था। सूत्रों ने बताया कि परीक्षा के एक दिन पहले ही कई ग्रुप पर पेपर उपलब्ध था।
सूत्रों का कहना है कि टेलीग्राम ही पेपर लीक के एपिसेंटर बनकर सामने आया है। शिक्षा मंत्रालय को कई ऐसे लिंक दिए गए थे जिन पर पेपर बेचे जा रहे थे। हालांकि इस बात का अब तक पता नहीं चला है कि टेलीग्राम ग्रुप वालों को पेपर कहां से मिले। आशंका है कि डार्क वेब के जरिए ये पेपर जुटाए गए। सोशल मीडिया ऐप पर नेट के पेपर के बारे में जानकारी भेजी जा रही थी। जब इसके बारे में पता चला तो इसे शिक्षा मंत्रालय को सौंप दिया गया।
अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की जानकारियां उनके पास अकसर आती रहती हैं और वे संबंधित संस्थान या एजेंसी को इसकी जानकारी देते हैं। हमारी टीम को इसकी भी जानकारी मिली थी कि नेट का पेपर बेचा जा रहा है।