
नई दिल्ली। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने पांच दिवसीय कार्य सप्ताह समेत अन्य मुद्दों के मद्देनजर 24 और 25 मार्च 2025 को प्रस्तावित हड़ताल को स्थगित कर दिया है। वित्तीय वर्ष समाप्ति से पहले बैंकिंग सिस्टम को राहत देने के लिए यूएफबीयू ने इस कदम को उठाया है। बता दें कि ऐसा उन्हें वित्त मंत्रालय और आईबीए से पांच दिवसीय कार्य सप्ताह और पर्याप्त भर्ती सहित उनकी मांगों पर सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद किया गया।
हड़ताल का आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने किया था, जो नौ बैंक कर्मचारियों के संगठनों का एक छत्र संगठन है। हड़ताल टालने का फैसला मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष लिया गया, जिन्होंने सभी पक्षों को सुलह बैठक के लिए बुलाया था।
यूएफबीयू एक सामूहिक संगठन है जिसमें नौ बैंक यूनियनें शामिल हैं जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, विदेशी बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के आठ लाख से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
बैंक यूनियनों को क्या आश्वासन दिए गए? भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने यूनियनों द्वारा उठाई गई मांगों पर विचार-विमर्श करने का आश्वासन दिया। यूएफबीयू ने प्रदर्शन समीक्षा और प्रदर्शन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) पर वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के हाल के निर्देशों को तत्काल वापस लेने की भी मांग की थी, जो नौकरी की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं और कर्मचारियों के बीच विभाजन पैदा करते हैं।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि आईबीए ने भर्ती और पीएलआई और अन्य मुद्दों पर आगे चर्चा करने का प्रस्ताव रखा। मुख्य श्रम आयुक्त ने बताया कि वह 5 दिवसीय बैंकिंग के कार्यान्वयन सहित मुद्दों की सीधे निगरानी करेंगे। एआईबीईए यूएफबीयू के सदस्यों में से एक है।
अन्य सदस्यों में अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी), राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी परिसंघ (एनसीबीई), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए) और भारतीय बैंक कर्मचारी परिसंघ (बीईएफआई) शामिल हैं।
मुख्य श्रम आयुक्त ने सुनवाई की अगली तारीख 22 अप्रैल तय की है और आईबीए से यूएफबीयू की मांगों पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।