मानसून सत्र: राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर नहीं बनी सहमति, हंगामे के कारण नहीं हुआ पेश

मानसून सत्र के आखिरी दिन कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदो ने राफेल विमान सौदे में कथित अनियमितता को लेकर केंद्र सरकार से जवाब देने की मांग करते हुए आज संसद परिसर में पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। मानसून सत्र का आखिरी दिन हंगामे की भेंट चढ़ता दिख रहा है। एक ओर लोकसभा में जहां राफेल मुद्दा गरमाया रहा वहीं दूसरी तरफ राज्यसभा में भी राफेल और तीन तलाक पर हंगामा जारी रहा। जिसके चलते तीन तलाक बिल संसद के शीतकालीन सत्र तक के लिए टाल दिया गया है। मॉनसून सत्र के आखिरी दिन 2.30 बजे जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति ने यह साफ कर दिया कि इस बिल को आज नहींं लिया जाएगा। संसद के मॉनसून सत्र का आज आखिरी दिन है, ऐसे में सरकार द्वारा इसी सत्र में तीन तलाक बिल को पास कराने की मंशा अधूरी रह गई। इसके बाद प्राइवेट बिल को पहले पेश करने का निर्णय लिया।

सोनिया गांधी ने कहा, तीन तलाक पर कांग्रेस का रुख स्पष्ट

इससे पहले UPA की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने कहा था कि तीन तलाक बिल पर कांग्रेस का रुख एकदम स्पष्ट है। कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने राफेल विमान सौदे में कथित अनियमितता को लेकर केंद्र सरकार से जवाब देने की मांग करते हुए शुक्रवार को संसद परिसर में सोनिया गांधी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। पार्टी के सदस्यों ने इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति के गठन की भी मांग की। कांग्रेस के सांसदों ने लोकसभा में इस विषय को उठाते हुए पीठासीन के आसन के समीप आकर नारेबाजी की। इस मुद्दे पर शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट भी किया। इससे पहले आज सुबह संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी ने किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी राज बब्बर एवं कई अन्य सांसदों के अलावा भाकपा के डी राजा, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता शामिल हुए।

राज्यसभा की कार्यवाही राफेल हंगामे की भेंट चढ़ी

सुबह, सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस सदस्यों ने राफेल मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। उपसभापति हरिवंश ने आज सुबह के सत्र का संचालन किया और उनके आसन में बैठने पर सदस्यों ने उनका स्वागत किया। उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपील की कि वे सदन में शून्यकाल चलने दें।

विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि राफेल सौदा एक बड़ा घोटाला है और उन्होंने इसकी जेपीसी से जांच कराने की मांग की। जबकि कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत एक नोटिस दिया है। इस पर उपसभापति ने कहा कि सभापति ने उनके नोटिस को स्वीकार नहीं किया है।

शून्यकाल में ही तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद गैर सरकारी कामकाज होता है और उस अवधि में विधायी कार्य नहीं हो सकते।

इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में यह सहमति बनी थी कि शुक्रवार को विधायी कार्य किए जाएंगे क्योंकि द्रमुक नेता करूणानिधि के सम्मान में सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी थी। हालांकि डेरेक और आनंद शर्मा ने कहा कि बीएसी में ऐसी कोई सहमति नहीं बनी थी।

गोयल ने आरोप लगाया कि विपक्ष नहीं चाहता कि तीन तलाक विधेयक को पारित किया जाए। बाद में सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि बीएसी बैठक में सुझाव दिया गया था कि शुक्रवार को विधेयकों पर चर्चा की जाएगी।

सदन में हंगामे के बीच ही शून्यकाल चला। एक बार सपा के दो सदस्य आसन के समक्ष भी आ गए। सदस्यों ने शोरगुल के बीच ही लोक महत्व के विषय के तहत अपने अपने मुद्दे उठाए। हंगामे को देखते हुए उपसभापति ने 11 बजकर करीब 55 मिनट पर बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे बैठक फिर शुरू होने पर भी सदन में वही नजारा दिखा और सभापति नायडू ने बैठक दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी।