झारखंड-बिहार में पुलिस और सुरक्षाबलों के 48 जवानों की हत्या में शामिल टॉप नक्सली कमांडर नवीन यादव ने बुधवार को आत्मसमर्पण कर दिया। सरकार की पॉलिसी के अनुसार, नवीन यादव के सरेंडर पर बुके देकर उसका मुख्यधारा में स्वागत किया गया। नवीन यादव हत्या, आगजनी, लूट, अवैध हथियार रखने समेत 72 मामलों में वांछित था। इस पर पुलिस ने 15 लाख रुपए का ईनाम रखा हुआ था। नक्सली संगठन में नवीन यादव के पास रीजनल कमांडर का दायित्व था और झारखंड-बिहार सहित कई राज्यों की पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। ऐसे में नवीन के आत्मसमर्पण को झारखंड पुलिस की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।
ये हैं नवीन की बड़ी वारदात2011 में चतरा सांसद इंदर सिंह नामधारी के काफिले पर हमले में आठ जवान शहीद
2011 में गढ़वा के भंडरिया में नक्सली हमले में 13 जवान शहीद
2016 में बिहार के औरंगाबाद-गया बॉर्डर पर हुए हमले में 10 कोबरा जवान शहीद
साल 2011 में चतरा के तत्कालीन सांसद इंदर सिंह नामधारी के काफिले पर हमले में आठ जवानों की शहादत हुई थी। इसमें नवीन यादव के शामिल होने का आरोप था। इसी साल गढ़वा के भंडरिया में नक्सली हमले में 13 जवानों की मौत हुई, साल 2016 में बिहार के औरंगाबाद-गया बॉर्डर पर नक्सलियों के हमले में कोबरा बटालियन में 10 जवानों की शहादत की घटनाओं में नवीन शामिल रहा है। नक्सली संगठन में उसका ओहदा रीजनल कमांडर का था।
नक्सली कमांडर नवीन यादव ने झारखंड के चतरा डीसी अबु इमरान, एसपी राकेश रंजन और सीआरपीएफ 190 बटालियन के कमांडेंट मनोज कुमार के समक्ष आत्मसमर्पण किया। सरकार की योजना के अनुसार उसे हजारीबाग के ओपन जेल में शिफ्ट किया जाएगा। चतरा प्रतापपुर थाना क्षेत्र में आने वाले बसबुटा गांव का निवासी नवीन 2000 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। इसके बाद फिर उसने पलटकर नहीं देखा। झारखंड के चतरा में 16, लातेहार में 16, गढ़वा में सात, पलामू में दो, बिहार के गया में 6 और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला में 4 मामले दर्ज हैं।
रंगदारी वसूलता था नवीननवीन झारखंड के नक्सलियों के अभेद्य दुर्ग माने जाने वाले बूढ़ा पहाड़ से पलामू तक, गढ़वा से लातेहार होते हुए चतरा तक बंदूकों के जोर पर आतंकी हुकूमत चलाता था। नवीन को नक्सली संगठन में सरबजीत यादव और विजय यादव के नाम से भी जाना जाता था। उसने कारोबारियों-ठेकेदारों से करोड़ों की लेवी (रंगदारी) की उगाही की है। इसी रकम से उसने पलामू के रेड़मा में 18.5 एकड़ और चतरा के प्रतापपुर में करीब 13 एकड़ जमीन खरीदी थी।