भीड़ हिंसा (Mob Lynching) की घटनाओं के लेकर 49 हस्तियों ने सीधे पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर अपनी आपत्ति जताई है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है। अब इस चिट्ठी के समर्थन में तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां भी आ गई हैं।
नुसरत जहां (Nusrat Jahan) ने अपने ट्विटर हैंडल की हुई एक पोस्ट में लिखा है मुझे खुशी है कि हमारी सोसाइटी ने एक बहुत बुनियादी मुद्दा उठाया है। नुसरत जहां ने लिखा, 'आज जहां हर कोई सड़क, बिजली, विमानन जैसे मुद्दों पर बात कर रहा है, मुझे खुशी है कि सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने एक बहुत बुनियादी मुद्दा उठाया है, इंसान की जिंदगी।
नुसरत ने आगे लिखा, 'खैर मुझे हमारे नागरिकों से बहुत उम्मीद है कि वह अपनी आवाज उठाएंगे और अपना योगदान देंगे। नफरत के अपराध और मॉब लिंचिंग की घटनाएं हमारे देश में बढ़ती जा रही हैं। 2014 से लेकर 2019 के बीच में ये घटनाएं सबसे ज्यादा हुई हैं और इसमें दलितों, मुसलमानों और पिछड़ों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया है। 2019 से लेकर अब तक 11 ऐसी घटनाएं और 4 हत्याएं हो चुकी हैं और ये सारे अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक थे।'
नुसरत ने अंत में लिखा- सिर्फ इंसानियत के नाते, गाय के नाम पर, भगवान के नाम पर, किसी की दाढ़ी पर तो किसी की टोपी पर ये खून खराबा बंद करें। भगवान राम के नाम पर हत्याएं की जा रही हैं। पिछली साल सुप्रीम कोर्ट ऐसे मामले रोकने का आदेश दे चुका है लेकिन सरकार खामोश है।
नुसरत ने इकबाल की रचना सारे जहां से अच्छा की कुछ लाइनें लिखी हैं।
'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।
हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा।'नुसरत जहां ने लिखा कि नए युग के सेक्युलर भारत की युवा सांसद होने के नाते मैं सरकार और सभी जनप्रतिनिधियों ने निवेदन करती हूं कि मॉब लिंचिग करने वालों की ओर से लोकतंत्र पर हो रहे हमले को रोकने के लिए कानून बनाएं।
बता दें कि मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी चिट्ठी लिखने वालों में बॉलीवुड समेत देश के दूसरे सिनेमा जगत के बड़े बड़े डायरेक्टर शामिल हैं। इसके अलावा कई लेखक, विचारक भी इस लिस्ट में शामिल हैं। चिट्ठी लिखने वालों में श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप, मणि रत्नम, बिनायक सेन, सौमित्र चटर्जी, अपर्णा सेन, कोंकणा सेन शर्मा, शुभा मुद्गल, रामचंद्र गुहा जैसी हस्तियां हैं। फिल्मी और चर्चित हस्तियों की इस चिट्ठी को लेकर विपक्ष को भी सरकार पर हमले का मौका मिल गया है लेकिन सत्ताधारी पार्टी इसे सरकार के खिलाफ राजनीतिक साजिश बता रही है।