नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने सोमवार को दिल्ली में चुनाव आयोग दफ्तर के बाहर 24 घंटे के विरोध प्रदर्शन और धरने का ऐलान किया। टीएमसी सांसदों ने केंद्र पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया और सीबीआई, एनआईए, ईडी और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों के वर्तमान प्रमुखों को हटाने की मांग की।
केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग को लेकर शिकायत करने पहुंचे टीएमसी के कम से कम 10 सांसद चुनाव आयोग के बाहर ही धरने पर बैठ गए। इसमें राज्यसभा और लोकसभा के सांसद शामिल हैं। इसके थोड़ी ही देर के बाद दिल्ली पुलिस की टीम पहुंची और सांसदों को हिरासत में ले लिया। जानकारी के मुताबिक टीएमसी सांसदों ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के चीफ को पद से हटा दिया जाए। उन्होंने कहा था कि सीबीआई, ईडी और एनआईए का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है इसलिए उनके चीफ पर कार्रवाई की जाए।
चुनाव आयोग की फुल बेंच से मुलाकात करने वाले 10 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन, डोला सेन, साकेत गोखले और सागरिका घोष समेत अन्य शामिल हैं।
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने कहा, 'हम पिछले हफ्ते भी यहां आए थे। हमने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया है। हमने चुनाव आयोग से चार केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों को बदलने की अपील की है।' इसके बाद सांसदों ने ईसी दफ्तर के बाहर 24 घंटे के धरने का आह्वान किया लेकिन कुछ देर बाद ही पुलिस ने सांसदों को हिरासत में ले लिया।
नेताओं का आरोप है कि केंद्रीय एजेंसियां आम चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं को टारगेट कर रही हैं और एजेंसियों की गिरफ्तारियों का मकसद पूरी तरह राजनीतिक है। तृणमूल सांसद डोला सेन ने कहा, '2022 के एक मामले में एनआईए की ओर से 2024 में गिरफ्तारी की जाती है। चार केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों को बदला जाना चाहिए।'
सागरिका घोष ने कहा, 'हमने 1 अप्रैल को चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की थी। चुनावी लोकतंत्र में समान अवसर बुनियादी बात है। सीबीआई, एनआईए, ईडी और आयकर विभाग जिस तरह से काम कर रहे हैं, इससे विपक्ष का जीना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि सांसदों ने चुनाव आयोग से एनआईए, ईडी, सीबीआई और आयकर प्रमुखों को बदलने का अनुरोध किया है।
टीएमसी सांसदों की यह भी मांग है कि राज्य की सरकार को जलपाइगुड़ी में तूफान पीड़ितों की मदद के लिए अनुमति दी जाए जिससे कि उनके टूटे घरों का निर्माण करवाया जा सके। बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ रामलीला मैदान में हुए विरोध प्रदर्शन में भी टीएमसी ने हिस्सा लिया था। हालांकि टीएमसी इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
पश्चिम बंगाल में एनआईए की टीम पर हुए हमले को लेकर भी सियासत गर्म है। रविवार को भूपतिनगर इलाके मे एनआईए की टीम 2022 में हुए विस्फोट माले में जांच के
लिए टीएमसी नेता के ठिकाने पर पहुंची थी। यहां स्थानीय लोगों ने पत्थऱबाजी कर दी। इसके बाद टीम के वाहनों को नुकसान पहुंचा और एनआईए का एक अधिकारी भी घायल हो गया। इसके बाद एनआईए ने शिकायत दर्ज करवाई थी। इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी टीएमसी को घेर चुके हैं। वहीं ममता बनर्जी ने कहा कि इस तरह से रात में टीम का दबिश देना ही गलत था।