सवाई माधोपुर स्थित प्रदेश के सबसे बड़े रणथंभौर टाइगर रिजर्व के मध्य स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर एक बार फिर टाइगर के हमले की आशंका गहरी हो गई है। रणथंभौर दुर्ग और मंदिर मार्ग में लगातार टाइगर की मौजूदगी देखी जा रही है। इस क्षेत्र में लगभग 17 से 18 टाइगर लगातार विचरण कर रहे हैं, जो श्रद्धालुओं की जान के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं। इस मार्ग पर किसी भी समय बड़ी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता। बुधवार को भी दुर्ग के ऊपर स्थित जैन मंदिर के पास एक टाइगर के आ जाने से श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। भयभीत श्रद्धालु एक-दूसरे का सहारा लेकर टाइगर के रास्ते से हटने का इंतजार करते रहे। टाइगर के नजरों से ओझल होते ही श्रद्धालुओं ने डर के साये में आगे का रास्ता तय किया।
कुछ दिन पहले एक बच्चा हुआ था शिकार
गौरतलब है कि 16 अप्रैल को इसी मार्ग पर दर्शन कर लौट रहे एक बच्चे को टाइगर ने अपना शिकार बना लिया था, जिसके बाद वन विभाग ने नौ दिनों तक मंदिर मार्ग बंद रखा था। उस समय दावा किया गया था कि अब यह मार्ग पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन वर्तमान स्थिति इस दावे को झुठला रही है।
मंदिर मार्ग फिर से खुलते ही आए दिन किसी न किसी स्थान पर टाइगर की उपस्थिति श्रद्धालुओं के लिए खतरा बनी हुई है। अभी हाल ही में दुर्ग के नीचे एक टाइगर ने दो लोगों पर हमला करने की कोशिश की थी। सुरक्षा के नाम पर वन विभाग द्वारा किए गए इंतजाम ऊंट के मुंह में जीरे के समान साबित हो रहे हैं। जोगी महल गेट से त्रिनेत्र गणेश मंदिर तक श्रद्धालुओं को पैदल ही जाना पड़ता है। इस पूरे रास्ते में टाइगर का मूवमेंट बना हुआ है, जिससे कभी भी किसी जगह हमला हो सकता है।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
वन विभाग द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से नाकाफी साबित हो रही है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। सुरक्षा के नाम पर केवल पैदल मार्ग का संचालन किया जा रहा है, जबकि इस क्षेत्र में टाइगर की लगातार गतिविधियाँ चल रही हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए भारी जोखिम का कारण बन रही हैं।