कारगिल विजय दिवस : आप शायद ही जानते होंगे इस युद्ध से जुड़ी हैरान करने वाली ये 5 बातें

74 दिन तक चले इस कारगिल युद्ध की शुरुआत 1999 में मई के महीने में कश्मीर के कारगिल जिले से हुई थी। पाकिस्तानी सेना को भारतीय जमीन से खदेड़ने के लिए ‘ऑपरेशन विजय’ चलाया गया था जिसे 26 जुलाई 1999 के दिन सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। इस जीत के चलते इस दिन को तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा कारगिल विजय दिवस के रूप में घोषित कर दिया गया था। आज भी इस युद्ध से जुड़े कई बातें हैं जिनसे आप अनजान हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।

- कारगिल बोर में पाकिस्तान के 357 सैनिक मारे गए थे। लेकिन अनकंफर्म फिगर के मुताबिक भारतीय सेना की कार्रवाही में करीब 3 हजार सैनिकों की जान चली गई थी। भारतीय सेना ने लड़ाई के दौरान पाकिस्तानी सैनिक और मिजाईदीन सहित पहाड़ियों पर कब्जा जमाए हुए आतकियों को मार गिराया था। आईएसआई के पर्व अधिकारी शाहिद अजीद ने माना था कि इस लड़ाई में पाकिस्तानी सैनिक भी मौजूद थे।

- पाकिस्तानी न्यूज पेपर उर्दू डेली में छपे एक बयान के मुताबिक पाकिस्तान के पर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस माना था कि कारगिल बोर पाकिस्तानी आर्मी के लिए एक ट्रजरी साबित हुआ। नवाज ने इस बात को भी माना पाकिस्तान ने इस लड़ाई में करीब 2700 सैनिक खो दिए।

- कारगिल युद्ध दुनिया सबसे हाईऐल्स पेटोल फील्ड में लडी गई जंग में से एक है। ऑफिशिलय फिगर के मुताबिक, इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना के 527 जवान शहीद और 1363 जवान घायल हुए थे। ऑपरेशन विजय की जिम्मेदारी करीब 2 लाख जवानों को सौपी गई थी।

- भारतीय सेना की कार्रवाही के दौरान मारे गए घुसपैठियों की तलाशी ली गई तो उनके पास पाकिस्तानी आईडी प्रूफ निकलें। कारगिल के युद्ध के दौरान के मारे गए ज्यादातर जवान नोर्थन लाइट इंट्री के थे जो की पाकिस्तान की पैरा मिलिट्री फोर्स थी। जिनको 1999 की लडाई के बाद पाकिस्तान की रेगुलर रेजिमेंट में बदल दिया गया।

- कारगिल सेक्टर में लड़ाई शुरू होने से पहले जनरल परवेज मुशर्रफ ने 28 मार्च 1999 को एक हेलीकॉप्टर से एलओसी पार की थी और भारतीय सीमा में करीब 11 किलोमीटर अंदर तक आकर एक जगह पर रात बिताई थी।