कार्यपालिका और प्रधानमंत्री द्वारा CAG नियुक्ति को दायर हुई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से माँगा जवाब

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें मांग की गई है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति केवल कार्यपालिका और प्रधानमंत्री द्वारा करने की मौजूदा प्रथा को संविधान का उल्लंघन घोषित किया जाए। इस मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने की।

सुनवाई के दौरान एनजीओ का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने बेंच के समक्ष दलील दी कि, सवाल संस्था की स्वतंत्रता का है। प्रशांत भूषण ने दावा किया कि महाराष्ट्र जैसे राज्यों, जहां भाजपा की सरकार है, में सीएजी द्वारा ऑडिट रोके जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हाल के दिनों में सीएजी ने अपनी स्वतंत्रता खो दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने उनसे सीएजी की स्वतंत्रता पर संदेह करने के लिए हाल के वर्षों में 'विचलन' के किसी भी उदाहरण को रिकॉर्ड में लाने को कहा। भूषण ने दलील दी कि सीएजी की रिपोर्ट कम आ रही हैं और कर्मचारियों की संख्या घट रही है।

भूषण ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों के संबंध में उनकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप किया था। भूषण ने जोरदार ढंग से तर्क दिया कि सीएजी के लिए भी इसी तरह के निर्देश आवश्यक हैं।

बेंच ने प्रशांत भूषण से कहा कि, हमें अपनी संस्थाओं पर भी भरोसा करना होगा। पीठ ने संवैधानिक प्रावधान, अनुच्छेद 148 का हवाला दिया, जो निर्दिष्ट करता है कि सीएजी को पद से हटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के समान ही संरक्षण प्राप्त है।

इस मामले में दलीलें सुनने के बाद, बेंच ने एक गैर सरकारी संगठन, सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी करने का फैसला किया। पीठ ने इसे उसी मुद्दे पर लंबित मामले के साथ संलग्न कर दिया।

याचिका में अदालत से यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि सीएजी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की एक स्वतंत्र और तटस्थ चयन समिति के परामर्श से और पारदर्शी तरीके से की जाएगी। याचिका में कहा गया है कि सीएजी की नियुक्ति के निर्देश सूचना आयोगों और केंद्रीय सतर्कता आयोग सहित अन्य निकायों की नियुक्ति के समान होने चाहिए।