जोधपुर : बच्चों के चहरे पर मुस्कान ला रही ऊंट गाड़ी वाली पहली मोबाइल लाइब्रेरी, रेत के धोरों पर लग रही क्लास

कोरोना जहां सभी के लिए परेशानी बनकर आया हैं, वहीँ बच्चों की शिक्षा के लिए भी बड़ी आफत बना हैं। खासतौर से उन बच्चों के लिए जो किसी कारणवश ऑनलाइन क्लास नहीं ले पा रहे हैं। खासतौर से रेगिस्तानी इलाकों में यह परेशानी ज्यादा आ रही हैं जहां निजी स्कूल भी बहुत कम है बच्चों के पास पढ़ने की कोई व्यवस्था नहीं हैं। इस बीच राजस्थान के दूर-दराज के गांव और ढाणियों में बच्चों के लिए एक अनूठी पहल शुरू हुई है। यहां ऊंट गाड़ियों पर मोबाइल लाइब्रेरी शुरू की गई है। जोधपुर जिले के 30 गांवों में इसकी शुरूआत हो चुकी है। पहली बार इस लाइब्रेरी को गुब्बारों व फूलों से सजा कर गांवों तक पहुंचाया गया। यह प्रदेश की पहली मोबाइल लाइब्रेरी है, जो ऊंट गाड़ी पर शुरू हुई।

गांव में पहुंचने के बाद जब बच्चों को इस बारे में बताया तो उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई। चौपाल लगाकर इन बच्चों को किताबों के संसार के बारे में जानकारी दी गई। रूम टू रीड और जिला प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय रीडिंग कैंपेन 2021 के तहत इस मोबाइल लाइब्रेरी की शुरूआत की गई है। यह मोबाइल लाइब्रेरी जोधपुर जिले के 30 गांवों के स्कूल में जाएगी। रूम टू रीड कैंपेन के तहत 'नहीं रुकेंगे नन्हें कदम, घर पर भी सीखेंगे हम', 'मैं जहां, सीखना वहां,' 'इंडिया गेट्स रीडिंग एट होम', की थीम रखी गई है। इस थीम पर सभी पेरेंट्स को कम से कम रोजाना 15 से 20 मिनट तक बच्चों के साथ पढ़ना होगा। साथ ही लिखने के लिए भी अलग-अलग एक्टिविटी करनी होगी।

मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी जोधपुर भल्लूराम खीचड़ ने बताया की शिक्षा विभाग और रूम टू रीड संस्था के सहयोग से बच्चों को घर पर ही पढ़ने और सीखने के लिए इस मोबाइल लाइब्रेरी की शुरूआत की गई है। ऊंट गाड़ी 8 सितंबर तक ओसियां कस्बे के गांव में घूमेगी। इसमें करीब 1500 किताब है, जिनमें सबसे ज्यादा स्टोरी और ड्राइंग की है। इस लाइब्रेरी में एक स्टोरी टेलर भी होगा, जो बच्चों को कहानियां सुनाएगा। देश भर के 9 राज्यों में इस संस्था का अभियान चल रहा है।