
अमरावती। आंध्र प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए 15 प्रतिशत नॉन-लोकल (अन्य राज्य) कोटा समाप्त कर दिया है। अब राज्य के सभी सरकारी, निजी, सहायता-प्राप्त और स्ववित्तपोषित संस्थानों की सीटें केवल आंध्र प्रदेश के छात्रों के लिए आरक्षित होंगी। यह नया नियम शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से लागू होगा।
इस संशोधन के तहत अब पड़ोसी तेलंगाना सहित किसी भी अन्य राज्य के छात्र आंध्र प्रदेश के कॉलेजों में नॉन-लोकल कोटे के तहत दाखिला नहीं ले पाएंगे।
सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, “राज्य के छात्रों के हितों की रक्षा के लिए अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और पीएचडी कोर्सों में प्रवेश के लिए उचित कदम उठाए जाने जरूरी हैं।”
10 साल का अंतरराज्यीय व्यवस्था खत्मआंध्र और तेलंगाना के बंटवारे के बाद दोनों राज्यों के छात्रों को साझा प्रवेश प्रक्रिया के तहत एक-दूसरे के संस्थानों में प्रवेश की सुविधा दी गई थी, जो 10 साल के लिए लागू की गई थी। यह व्यवस्था 2 जून, 2024 को समाप्त हो गई। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश सरकार ने प्रवेश नियमों में बदलाव को आवश्यक बताया।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य के छात्रों और अभिभावकों की ओर से न्यायपूर्ण प्रतिनिधित्व और कानूनी विवादों से बचने की मांग के चलते यह फैसला लिया गया है।
किन छात्रों को मिलेगा स्थानीय श्रेणी का लाभ?सरकार ने विश्वविद्यालयीय अधिकार क्षेत्रों के आधार पर भी स्पष्ट किया है कि:
• श्रीकाकुलम, विजयनगरम, विशाखापट्टनम, ईस्ट और वेस्ट गोदावरी, कृष्णा, गुंटूर और प्रकाशम जिलों के छात्र आंध्र विश्वविद्यालय (AU) के अधिकार क्षेत्र में आएंगे, लेकिन श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय (SVU) क्षेत्र में उन्हें नॉन-लोकल माना जाएगा।
• वहीं, अनंतपुर, कुरनूल, चित्तूर, कडपा और नेल्लोर जिलों के छात्र SVU के अंतर्गत होंगे और AU क्षेत्र में नॉन-लोकल माने जाएंगे।
नॉन-लोकल कोटा अब सिर्फ राज्य के भीतर सीमितहालांकि संशोधित नियमों में यह कहा गया है कि संस्थानों में 85 प्रतिशत सीटें स्थानीय छात्रों के लिए आरक्षित रहेंगी और 15 प्रतिशत सीटें नॉन-लोकल के लिए होंगी, लेकिन यह नॉन-लोकल कोटा अब केवल राज्य के भीतर ही सीमित रहेगा। इसका मतलब है कि अब यह कोटा केवल AU और SVU अधिकार क्षेत्रों के छात्रों के बीच ही बांटा जाएगा—देश के अन्य राज्यों के छात्रों को इससे बाहर कर दिया गया है।
राज्यस्तरीय संस्थानों में भी अनुपालनराज्य सरकार के अधीन ऐसे विश्वविद्यालय या संस्थान जो सीधे AU या SVU से संबद्ध नहीं हैं, उनमें भी 85% सीटों को AU और SVU छात्रों के बीच 65.6% और 34.3% के अनुपात में बांटा जाएगा। बचे हुए 15% नॉन-लोकल कोटे में भी यही अनुपात लागू होगा।
इस निर्णय को राज्य के छात्रों के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है, जिससे वे अधिक अवसरों का लाभ उठा सकेंगे। हालांकि, इससे अन्य राज्यों के छात्र विशेषकर तेलंगाना के छात्रों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिन्हें अब आंध्र प्रदेश के कॉलेजों में दाखिले के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाशने होंगे।