अफगानिस्तान: तालिबान के नए नियम - दाढ़ी कटवाने पर पिटाई, महिलाओं का बाहर निकलना बैन

अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में तालिबान तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिलों और देश की प्रमुख सीमाओं पर कब्जा और प्रांतीय राजधानी की घेराबंदी कर रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में वे फिर से ‘तालिबानी कायदे-कानूनों’ को लागू करने में जुट गए है। तालिबान ने उत्तरी अफगानिस्तान के एक जिले पर कब्जा जमाने के बाद स्थानीय इमाम को एक पत्र के जरिये अपना पहला आदेश जारी किया है। कलाफगन जिले के निवासी 25 साल के सेफतुल्लाह ने एएफपी को बताया कि फरमान में कहा गया है कि महिलाएं मर्दों के बिना बाजार नहीं जा सकती हैं, और पुरुषों को अपनी दाढ़ी रखनी है। तालिबान ने सिगरेट, बीड़ी पीने पर भी रोक लगा दी है और चेतावनी दी है कि अगर किसी ने नियम-कायदों का उल्लंघन किया तो उनके साथ गंभीरता से निपटा जाएगा।

विदेशी सैनिकों की देश से वापसी के बाद से तालिबान ने तेजी से अपनी पकड़ मजबूत करना शुरू कर दिया है। इसने कई प्रमुख बॉर्डर क्रासिंग पर कब्जा जमाया है। इसके अलावा कई प्रांतीय राजधानियों को घेर लिया गया है। हाल ही में अफगानिस्तान ने दावा किया था कि इसने देश के 85% हिस्से पर कब्जा कर लिया है।

महिलाओं के बीच डर

वहीं, जिन इलाकों पर तालिबान कब्जा जमा रहा है, वहां पर सख्त इस्लामिक नियम लागू किये जा रहे हैं। पिछले महीने संगठन ने तजाकिस्तान से लगने वाली सीमा के नजदीक बसे शिर खान बंदार इलाके पर कब्जा जमाया। इसके बाद यहां पर तालिबान ने आदेश दिया कि महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल सकेंगी। स्थानीय महिलाओं ने बताया कि इस इलाके में रहने वाली महिलाएं और युवा लड़कियां सिलाई-बुनाई का काम करती थीं। लेकिन अब तालिबान के आदेश की वजह से ये सभी डरी हुई हैं। बता दें कि तालिबान ने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर शासन किया। उस दौरान महिलाओं को घर के अंदर रहने का आदेश था, जब तक कि कोई पुरुष रिश्तेदार साथ न हो, उन्हें बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी। लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं थी, और व्यभिचार जैसे अपराधों में दोषी पाए जाने वालों को मौत के घाट उतार दिया जाता था। तालिबान न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 9/11 हमले के बाद अमेरिका के निशाने पर आया।

महिलाओं की अपेक्षाकृत मर्दों को ज्यादा आजादी थी, लेकिन उन्हें दाढ़ी बनाने की मनाही थी। नमाज में शामिल नहीं होने पर लोगों को पीटा जाता था और सबको पारंपरिक पोशाक पहनने को कहा जाता था।

तालिबान के नए नियम क्या हैं?

- महिलाओं को घरों के भीतर रहने को कहा गया है।
- केवल पुरुषों के साथ ही बाहर निकलने की इजाजत है।
- महिलाओं और बच्चियों का पर्दा करना बेहद जरूरी।
- छठी कक्षा से आगे के स्कूलों में जाने वाली लड़कियों को पढ़ने पर रोक।
- किसी भी नियम को तोड़ने या यौन अपराधों में संलिप्त पाए जाने पर पत्थर मारकर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।
- पुरुषों को दाढ़ी नहीं कटवाने का आदेश दिया गया है।
- मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ने जाने पर पिटाई का आदेश दिया गया है।
- पुरुषों को केवल पारंपरिक कुर्ता-पायजामा पहनने की इजाजत है।
- कई गांवों में लोगों से कहा गया है कि वे अपनी बेटियों और विधवाओं की शादी तालिबान लड़ाकों से करें।
- तालिबान के कब्जे वाले इलाकों के इमामों को 15 साल से कम उम्र की लड़कियों की जानकारी तालिबान को देना है।
- 45 साल से कम उम्र की महिलाओं की शादी तालिबान लड़ाकों से करवानी है।
- कब्जे वाले इलाके में लोगों को रात के बाद बाहर नहीं निकलने का आदेश दिया गया है।
- लोगों को लाल और हरे कपड़े पहनने से मना किया गया है, क्योंकि ये अफगानिस्तान के झंडे का रंग है।
- सभी पुरुषों को सर पर पगड़ी पहननी है।