देश छोड़ रहे अफगानी लोगों पर धारदार हथियार और कोड़ों से हमला कर रहा तालिबान, काबुल एयरपोर्ट पर फिर से फायरिंग

अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा करने के बाद तालिबानी लड़ाके फिर से क्रूरता पर उतर आए हैं। अफगानिस्तान छोड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट पहुंचे लोगों पर तालिबान के दहशतगर्द कोड़े बरसा रहे हैं और उन पर धारदार हथियार इस्तेमाल कर रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। अमेरिका अपने लोगों को एयरलिफ्ट करने में लगा है। वहीं अफगानिस्तान के हजारों लोग भी वहां से निकलने के लिए काबुल एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं। लेकिन तालिबान उन्हें गेट पर ही रोक रहा है। ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार रात फिर से फायरिंग हुई है। हालांकि, बताया जा रहा है कि ये फायरिंग भीड़ को कंट्रोल करने के लिए अमेरिकी सैनिकों ने चेतावनी के तौर पर की है। अमेरिका का कहना है कि अफगानिस्तान से अब तक 9 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।

अफगानी सेना के 4 कमांडर्स की स्टेडियम में हत्या

तालिबानियों ने अफगानी सेना के 4 कमांडर्स को कंधार के एक स्टेडियम में भीड़ के सामने मौत के घाट उतार दिया। सूत्रों के मुताबिक, घटना 15 अगस्त की है। इन कमांडर्स ने 13 अगस्त को तालिबान के सामने सरेंडर किया था।

नाखून उखाड़ देने वाले पुलिस अफसर की भी करी हत्या


तालिबान समर्थकों ने कंधार में ही शाह वली कोट के पुलिस प्रमुख पाचा खान को भी मार दिया है। तालिबान समर्थकों का कहना था कि पाचा खान एक खूंखार कमांडर था जो तालिबान लड़ाकों के नाखून निकाल लेता था। तालिबान ने इन्हें आम माफी की घोषणा करने से पहले मारा है।

भगोड़े राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार को UAE ने दी शरण

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने मानवीय आधार पर अशरफ गनी और उनके परिवार को शरण दी है। UAE के विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। इधर, एक बड़े घटनाक्रम में तजाकिस्तान में अफगान दूतावास ने इंटरपोल के जरिए भगोड़े राष्ट्रपति अशरफ गनी, हमदुल्ला मोहिब और फजलुल्लाह महमूद फाजली को गबन के आरोप में हिरासत में लेने का निर्देश दिया है।

वहीं, पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पैसे लेकर देश से भागने के आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर सफाई दी कि वो सिर्फ एक जोड़े कपड़े में अफगानिस्तान से निकले हैं। गनी का ये बयान एक फेसबुक पोस्ट के जरिए सामने आया है।

वीडियो संदेश में अशरफ गनी ने कहा, 'मेरा देश से भागने और अपने वतन को यूं छोड़ देने का इरादा नहीं था। मैं खून-खराबा रोकने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में हूं। मैं अभी भी अफगानिस्तान वापस लौटने के रास्ते तलाश रहा हूं। मैं न्याय, अफगानी संप्रभुता और सही मायने में इस्लामिक मूल्यों को बहाल करने की लड़ाई लड़ता रहूंगा।'