सुषमा स्वराज ने कहा - मानसिक रूप से बीमार हैं आज़म खान, कड़ी सजा दी जाए

लोकसभा में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Azam Khan) द्वारा गुरुवार को सदन की अध्यक्षता कर रहीं बीजेपी सांसद रमा देवी पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि आजम खान द्वारा बार-बार दिए गए ऐसे बयान यह साबित करते हैं कि वह मानसिक विकृति से ग्रस्त हैं। कल संसद में महिला सभापति को संबोधित करते हुए दिया गया उनका बयान बदसलूकी की सारी हदें पार कर गया। संसदीय मर्यादा का तकाजा है कि आजम खान को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने आजम खान को कड़ी सजा दिए जाने की मांग की।

रमा देवी ने भी की कार्रवाई की मांग

शुक्रवार को रमा देवी ने कहा, संसद में मुझे जनता ने प्रेम से यहां भेजा है। आजम खान की बोली में गंदगी से मुझे बहुत परेशानी हुई है। सांसद की एक गरिमा होती है। जब अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने वाली महिला से आजम खान इस प्रकार की भाषा इस्तेमाल कर सकते हैं तो साधारण महिला से कैसे बात करते होंगे? आजम की बातें बहुत पीड़ा देने वाली होती हैं। रमा देवी ने कहा, आजम खान को हम लोग कभी भी माफ नहीं करेंगे। ये अशोभनीय है। आजम खान के बयान से सांसद की गरिमा को ठेस पहुंची है। सांसद को काम करने के लिए लाखों वोट देकर संसद भेजा गया है। आज जनता बहुत परेशानी होगी। रमा देवी ने कठोर शब्दों में कहा कि अगर आजम खान को बोलने की अक्ल नहीं है तो इस बार सीख जाएंगे। मैं तो चाहती हूं कि अगर उस दिन माफी मांग लेते तो मैं माफ कर देती। सोमवार को माफी मांगने के बाद अध्यक्ष जी कहेंगे तो मैं माफ करूंगी। आजम खान ने अगर माफी नहीं मांगी तो हम ऐसा कदम उठाएंगे कि उन्हें जीवनभर याद रहेगा कि किसी महिला को कैसे देखना चाहिए? इसके साथ रमा देवी ने आजम खान की सदस्यता रद्द करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि आजम खान खुद को बहुत बड़ा हीरो समझते हैं। हीरो को जीरो बनाने के लिए रमा देवी आई हैं। इनका चरित्र उजागर किया जाएगा।

बता दे, अगर आजम खान स्पीकर के आदेश के मुताबिक, सदन में माफी नहीं मांगते हैं तो लोकसभा अध्यक्ष उन्हें अगले पांच साल यानी पूरे कार्यकाल के लिए निलंबित कर सकते हैं। यही नहीं, स्पीकर उनकी लोकसभा सदस्यता भी रद्द कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में उनकी सांसदी जा सकती है। संविधान विशेषज्ञ डॉ सुभाष कश्यप ने बताया कि इसके अलावा लोकसभा अध्यक्ष आजम खान को शेष सत्र यानी 7 अगस्त तक के लिए जेल भी भेज सकते हैं। यह भी जरूरी नहीं कि उन्हें 7 अगस्त तक के लिए ही जेल भेजा जाए। यह पूरी तरह से लोकसभा अध्यक्ष की इच्छा पर निर्भर है कि वह उन्हें कब तक के लिए जेल भेजें।