सुशांत के दोस्त संदीप सिंह ने तोड़ी चुप्पी, अपने ऊपर लगे हर आरोप का दिया जवाब

सुशांत सिंह राजपूत केस में रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) को मुख्य आरोपी बनाया गया है। सुशांत केस में ड्रग्स एंगल की जांच कर रही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम द्वारा लगातार दूसरे दिन रिया चक्रवर्ती से पूछताछ जारी है। खबर है कि रिया के भाई शोविक, सुशांत के हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा और हेल्पर दीपेश सावंत को सामने बैठकर सवाल-जवाब किए जा सकते हैं। खबर है कि आज रिया की गिरफ्तारी भी हो सकती है।

उधर, मीडिया की खबरों में इस केस में सुशांत के दोस्त संदीप सिंह के बारे कई तरह की खबरें छप रही है। संदीप, सुशांत की मौत के बाद उनके घर, पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार सभी जगहों पर मौजूद रहे। सुशांत के निधन के बाद सोशल मीडिया पर संदीप सिंह ने कई पोस्ट किए, जिससे सुशांत और उनकी मित्रता का पता चलता है।

ऐसे में मीडिया में सवाल उठ रहा है कि सुशांत के घरवालों से कभी संदीप मिले नहीं तो इतनी सहानुभूति क्यों दिखा रहे हैं। क्या वे इस सहानुभूति के पीछे कुछ छिपाने की कोश‍िश कर रहे हैं। मीडिया में अपने खिलाफ लगातार छप रही खबरों को लेकर पहली बार संदीप सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपना पक्ष रखा है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एंबुलेंस ड्राइवर से और सुशांत की बहन मीतू सिंह से किए गए व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए हैं।

पहले इंस्टाग्राम पोस्ट में संदीप ने लिखा है- 'क्षमा करें भाई, मेरी चुप्पी ने मेरी 20 साल से बनाई इमेज और परिवार को टुकड़ों में बांट दिया है। मुझे नहीं पता था कि आज के समय में दोस्ती के लिए प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। आज मैं अपनी व्यक्तिगत चैट को सार्वजनिक कर रहा हूं, क्योंकि यह अंतिम उपाय है जो हमारे रिश्ते को साबित करता है।'

संदीप सिंह से मीडिया में यह सवाल पूछा गया कि आप पिछले एक साल से सुशांत के संपर्क में नहीं थे लेकिन अचानक आप सुशांत की मौत के दिन सक्रिय कैसे हो गए? इस संदीप ने कहा कि, मैं बिहारी फैमिली से हूं, अगर हम अनजान व्यक्ति की अर्थी भी देखते हैं तो हम उन्हें भी कंधा देते हैं, ये तो मेरा दोस्त था। सुशांत से मेरी दोस्ती साल 2011 से है।

दूसरे पोस्ट संदीप ने लिखा है- '14 जून को जब मैंने तुम्हारे बारे में सुना, मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और तुम्हारे घर की ओर दौड़ पड़ा। वहां मीतू दीदी के अलावा किसी को न देखकर शॉक्ड हो गया। मैं आज भी सोच रहा हूं कि वहां उस समय तुम्हारी बहन के साथ कठिन वक्त में खड़ा रहकर मैंने गलती की या मुझे तुम्हारे दोस्तों के आने का वेट करना चाहिए था।'

संदीप ने आगे कहा 'सुशांत छिछोरे और ड्राइव बनाने में बिजी था। मैं पीएम नरेंद्र मोदी फिल्म बनाने में बिजी था। मैं वहां गया क्योंकि मैं भीड़ का हिस्सा बनने गया था। मुझे लगा था कि कई लोग जो उनके दोस्त होने का दावा करते हैं, वे सब होंगे लेकिन जब मैं वहां पहुंचा तो वहां कोई नहीं था, वहां सिर्फ मीतू दीदी की फैमिली थी। मित्र होने के नाते मैं वहां सक्रिय था, मुझे नहीं पता था कि ऐसे समय में रिहर्सल करके खास अंदाज में अपनी बॉडी लैंग्वेज दिखानी होती है। मैं एक मित्र की तरह वहां पहुंचा था।'

इस मामले में तीसरे पोस्ट में संदीप सिंह ने लिखा- 'लोग कह रहे हैं कि तुम्हारा पर‍िवार मुझे नहीं जानता था। हां ये सच है। मैं कभी तुम्हारे पर‍िवार से नहीं मिला। लेक‍िन शहर में शोक मनाती एक अकेली बहन को उसके भाई के अंतिम संस्कार में मदद करना क्या मेरी गलती थी? एंबुलेंस ड्राइवर के बयान के बाद भी उसके साथ हुई मेरी बातचीत पर उठ रहे सवालों को खत्म करने के लिए मैं बस इतना कहना चाहूंगा।'

इस मामले में लगाए गए आरोपों पर संदीप ने चौथे इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा है कि, 'बस मुझ पर लगाए गए मॉरिशस की अटकलों वाली कहानी को खत्म करना चाहता हूं जो कि ईर्ष्यावश मेरी इमेज को खराब करने के लिए गढ़ी गई है। मॉरिशस पुलिस की ओर से जारी किया गया लेटर शेयर कर रहा हूं। वहां पर मेरे खिलाफ ऐसा कोई केस कभी फाइल ही नहीं हुआ है।'

इतना ही नहीं संदीप ने यह भी बताया 'मुझे सुशांत कभी डिप्रेशन में नहीं लगा, खाना, पीना, गाना मौज-मस्ती सब किया। साथ में उसने ब्योमकेशबक्शी, धोनी और सोनचिड़िया जैसी फिल्में कीं। जिस सुशांत को मै जानता था वो सुशांत कभी ड्रग्स नहीं लेता था। जिसके साथ मैं घूमा फिरा खाना, पीना मौज-मस्ती किया। सुशांत की फिल्म दिल बेचारा, छिछोरे और ड्राइव लास्ट ये फिल्में हैं। आपको उनकी एक्टिविटी से क्या लगता है वो डिप्रेशन में थे।'

संदीप सिंह ने कहा 'जहां तक मैं सुशांत को जानता हूं। वो मुझे डिप्रेशन में लगा ही नहीं। वो हमेशा एनर्जेटिक लड़का, पढ़ने वाला लड़का, आगे की सोच रखने वाला लड़का था। कम सालों में उसने कोई ऐसी हाउसफुल वाली फिल्में नहीं कीं, उसने मेहनत करने वाली फिल्में कीं। वो डिप्रेशन और ड्रग्स, ऐसा हो ही नहीं सकता। उसको घूमना बहुत अच्छा लगता था। उसको अच्छा खाना दे दो वो खुश हो जाता था। उसकी ख्वाहिशें बहुत छोटी-छोटी थीं।'

संदीप आगे कहते हैं- 'सुशांत बहुत ओपन माइंडिड लड़का था। वो हमेशा कहता था कि मैं यहां एक्टिंग करने आया हूं। फिर चाहे फिल्मों में हो या थियेटर में हो। धोनी के बाद पृथ्वी थियेटर में मैंने उसे पीछे खड़े देखा है। जोगेश्वरी में उसे माल पुआ खाने जाना होता था। उसकी कोई डिमांड नहीं होती थी। उसको एक्टिंग करना पसंद था। वो तो बीच में प्ले करना चाहता था। वो हर चीज को बहुत सोच समझ कर करता था।'