Sushant के पिता ने जारी किया 9 पेज का बयान, लिखा - ठग और बदमाशों के झुंड से घिरा था सुशांत

सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में हर दिन नए तथ्य सामने आ रहे हैं। सुशांत के पिता के वकील ने सिद्धार्थ पिथानी को एक शातिर अपराधी बता दिया है। वकील विकास सिंह ने कहा कि सिद्धार्थ की हरकतें शुरुआत से ही काफी संदिग्ध है। इतना ही नहीं सुशांत मौत के करीब 2 महीने बाद उनके परिवार ने पहली बार 9 पेज का बयान जारी किया है। इसमें कहा गया कि सुशांत के परिवार को सबक सिखाने की धमकियां दी जा रही हैं। एक-एक करके सबके चरित्र पर कीचड़ उछाली जा रही है। इसके अलावा सुशांत के परिवार ने रिया चक्रवर्ती और मुंबई पुलिस पर भी आरोप लगाए हैं। यह पत्र उनके पिता की तरफ से लिखा गया है। सुशांत के परिवार ने फिराक जलालपुरी के एक शेर से पत्र की शुरुआत करते हुए लिखा है।। 'तू इधर-उधर की न बात कर ये बता कि काफिला क्यों लुटा, मुझे रहजनों से गिला नहीं तेरी रहबरी का सवाल है।'

पत्र में परिवार की 5 बड़ी बातें

- कुछ साल पहले की ही बात है। न कोई सुशांत को जानता था, न उसके परिवार को। आज सुशांत की हत्या को लेकर करोड़ों लोग व्यथित हैं और सुशांत के परिवार पर चौतरफा हमला हो रहा है। अखबार पर अपना नाम चमकाने की गरज से कई फर्जी दोस्त, भाई, मामा बन अपनी-अपनी हांक रहे हैं। ऐसे में बताना जरूरी हो गया कि आखिर ‘सुशांत का परिवार’ होने का मतलब क्या है?

- सुशांत को ठगों-बदमाशों लालचियों का झुंड घेर लेता है। जिन पर सुशांत की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, वे लोग खुद उसके मृत शरीर की फोटो वायरल करके उसकी प्रदर्शनी लगा रहे थे। उनकी लापरवाही से सुशांत मरा। इतने से मन नहीं भरा तो उसकी मानसिक बीमारी की कहानी चलाकर उसके चरित्र को मारने में जुट जाते हैं।

- तमाशा करने वाले और तमाशा देखने वाले ये न भूलें कि वे भी यहीं हैं। अगर यही आलम रहा तो क्या गारंटी है कि कल उनके साथ ऐसा ही नहीं होगा?

- सुशांत के परिवार का सब्र का बांध तब टूटा जब महीना बीतते-बीतते महंगे वकील और नामी पीआर एजेंसी से लैस 'हनी ट्रैप' गैंग डंके की चोट पर वापस लौटता है। सुशांत को लूटने-मारने से तसल्ली नहीं हुई।

- अंग्रेजों के वारिस हैं, एक अदना हिंदुस्तानी मरे, इन्हें क्यों परवाह हो? पीड़ित से कुछ मिलना नहीं, सो मुलजिम की तरफ हो लेते हैं। पिता ने आरोप लगाया कि अंग्रेजों के एक और बड़े वारिस तो जलियांवाला-फेम जनरल डायर को भी मात दे देते हैं। सुशांत के परिवार को कहते हैं कि तुम्हारा बच्चा पागल था, सुसाइड कर सकता था।

सुशांत के पिता ने आगे लिखा है, 'सवाल सुशांत की निर्मम हत्या का है। सवाल ये भी है कि क्या महंगे वकील कानूनी पेचीदगियों से न्याय की भी हत्या कर देंगे? इससे भी बड़ा सवाल है कि अपने को एलिट समझने वाले, अंग्रेजियत में डूबे, पीड़ितों को हिकारत से देखने वाले नकली रखवालों पर लोग क्यों भरोसा करें?'

सिद्धार्थ एक शातिर अपराधी

सुशांत के पिता के वकील ने सिद्धार्थ पिथानी ने कहा सिद्धार्थ जब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी, तब तक वह सुशांत के परिवार से नियमित तौर पर बात कर रहा था और उनकी मदद करने की कोशिश कर रहा था। मगर जैसे ही एफआईआर दर्ज हुई, उसने अचानक से रिया की मदद करनी शुरू कर दी। सुशांत के पिता के वकील ने कहा, 'एफआईआर दर्ज होने के बाद जिस ढंग से उनका व्यवहार रहा है, जिस ढंग से वह रिया को ईमेल कर रहा है। वह शक पैदा करता है। एक आरोपी की जिस ढंग से मदद की जा रही है, उसे देखकर रिया और सिद्धार्थ के बीच सहभागिता को दिखाता है। अभी तो सिर्फ पूछताछ ही की जा रही है, असली सच तो अभी आना बाकी है।'