राफेल डील मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

बुधवार को राफेल डील (Rafale Deal) से जुड़े एक एक विशेष मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) फैसला सुनाएगा। शीर्ष अदालत ने 14 मार्च को उन विशेषाधिकार वाले दस्तावेजों की स्वीकार्यता पर केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों पर फैसला सुरक्षित रखा था जिन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा वकील प्रशांत भूषण ने शीर्ष अदालत के 14 दिसंबर के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका में शामिल किया था। 14 दिसंबर के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे के खिलाफ सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा है कि तीनों याचिकाकर्ताओं ने अपनी समीक्षा याचिका में जिन दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है, उनपर उसका विशेषाधिकार है और उन दस्तावेजों को याचिका से हटा देना चाहिए। अटॉर्नी जनरल (AG) के के वेणुगोपाल ने दलील दी कि प्रस्तुत दस्तावेज विशेषाधिकार प्राप्त दस्तावेज हैं, जिन्हें भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 के अनुसार सबूत नहीं माना जा सकता है। इन दस्तावेजों को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत संरक्षित किया जाता है। केंद्र की तरफ से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा था कि संबंधित विभाग की अनुमति के बिना कोई उन्हें अदालत में पेश नहीं कर सकता क्योंकि इन दस्तावेजों को सरकारी गोपनीयता कानून के तहत भी संरक्षण प्राप्त है। सूचना के अधिकार कानून की धारा 8 (1)(ए) के अनुसार भी जानकारी सार्वजनिक करने से छूट प्राप्त है। भूषण ने दलील दी थी कि केंद्र सरकार की आपत्तियां दुर्भावनापूर्ण हैं और पूरी तरह अविचारणीय हैं।

पीठ ने कहा, 'केंद्र द्वारा जताई गई प्रारंभिक आपत्तियों पर फैसला करने के बाद ही हम पुनर्विचार याचिकाओं के अन्य पहलू पर विचार करेंगे।' उसने कहा, ‘अगर हम प्रारंभिक आपत्ति को खारिज कर देते हैं, तभी दूसरे पहलुओं को देखेंगे।’ अटॉर्नी जनरल (AG) के के वेणुगोपाल ने दलील दी कि प्रस्तुत दस्तावेज विशेषाधिकार प्राप्त दस्तावेज हैं, जिन्हें भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 के अनुसार सबूत नहीं माना जा सकता है। इन दस्तावेजों को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत संरक्षित किया जाता है।

उधर कांग्रेस ने मंगलवार को राफेल मामले को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि रक्षा खरीद प्रक्रिया में संशोधन करके इस विमान सौदे में कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया गया जिससे साबित हो गया कि यह स्वतंत्रता के बाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मीडिया से कहा, ‘राफेल पर रोज कुछ न कुछ खुलासे हो रहे हैं। मोदी सरकार कुछ भी कर ले, यह घोटाला उनका पीछा नहीं छोड़ने वाला है।'

खेड़ा ने दावा किया, ‘पांच अगस्त, 2015 को राफेल को पूरा खेल किया गया था। उसी दिन रक्षा खरीद पक्रिया में संशोधन किया गया था। यह प्रकिया यूपीए सरकार के समय बनी थी ताकि रक्षा सौदों के समय देशहित को सुरक्षित रखा जा सके, लेकिन राफेल ने इसे बदला ताकि कुछ लोगों को फायदा पहुंचा जाए।’ खेड़ा ने आरोप लगाया, ‘राफेल अब आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला साबित हो गया है। इसी लिए हम बार बार कह रहे हैं कि सिर्फ एक ही चौकीदार चोर है।’

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राफेल, नोटबंदी और नीरव मोदी के मामलों पर सीधी बहस की चुनौती देते हुए मंगलवार को कहा कि वह इन विषयों पर पूर्ण तैयारी करके मेरे साथ बहस करने आएं। पहले भी कई मौकों पर प्रधानमंत्री को सीधी बहस की चुनौती दे चुके गांधी ने यह सवाल भी किया कि क्या मोदी उनके साथ बहस को लेकर डरे हुए हैं? गांधी ने ट्वीट कर कहा,‘प्रिय प्रधानमंत्री, क्या आप भ्रष्टाचार पर मेरे साथ बहस करने से डरे हुए हैं? मैं आपके लिए यह आसान कर सकता हूं। चलिए किताब खोलकर आप इन विषयों पर तैयारी कर सकते हैं: -

1. राफेल +अनिल अंबानी
2. नीरव मोदी
3. अमित शाह +नोटबंदी

गांधी की ओर से पहले दी गई चुनौती पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष एक बेखबर नेता हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस लंबे समय में राफेल सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है, हालांकि रक्षा मंत्री सहित सरकार ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया है।