सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न सेवाओं को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि आगे बढ़ा दी है। न्यायालय ने अपने मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि जब तक वह बायोमेट्रिक पहचान योजना की संवैधानिक वैधता पर अपना निर्णय नहीं दे देता, तब तक उपभोक्ता विभिन्न सेवाओं को आधार से जोड़ सकते हैं। फिलहाल सिर्फ सब्सिडी, बैनिफिट्स और सर्विसेज यानी सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के ही लिए आधार जरूरी रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने बैंक, मोबाइल, पासपोर्ट आदि के लिए आधार की अनिवार्यता की डेडलाइन बढ़ा दी है। तत्काल में पासपोर्ट के लिए आधार की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। वकील वृंदा ग्रोवर ने याचिका दाखिल की है।
याचिका में कहा गया है कि जनवरी 2018 में जारी पासपोर्ट नियमों के तहत तत्काल योजना में नया पासपोर्ट बनवाने या नवीनीकरण के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया गया है। उन्होंने तत्काल में पासपोर्ट रिन्यू का आवेदन दिया तो उनका पुराना पासपोर्ट रद्द कर दिया गया। अब नए पासपोर्ट के लिए आधार नंबर देने को कहा जा रहा है। पासपोर्ट अधिकारियों ने आधार के बिना पासपोर्ट रिन्यू करने से इंकार कर दिया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक आधार सिर्फ कल्याणकारी योजनाओं के लिए ही अनिवार्य है। उन्हें तीन दिन के भीतर पासपोर्ट चाहिए क्योंकि उन्हें एक सेमिनार में हिस्सा लेने ढाका जाना है।