प्रदूषण के बढता स्तर हर राज्य कि सरकार के लिए सिरदर्द बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट भी बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंतित है और समय-समय पर सरकार और प्रदूषण को नियंत्रित करने वाली संस्थाओं को पर्यावरण की सुरक्षा से जुड़े निर्देश देता रहता है। तमाम उपायों के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में हवा का स्तर बद से बदतर होता जा रहा है। इसी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को यह अनोखी सलाह दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्यों नहीं पेट्रोल और डीजल के दामों में अंतर इस हद तक कम कर दिया जाए जिससे कि लोग डीजल चालित वाहन कम से कम खरीदें। शीर्ष अदालत ने सरकार को इस पर विचार करने के लिए कहा है। पीठ ने कहा कि सरकार को इस पर विचार कर अपना रुख बताने के लिए कहा है। पीठ ने कहा कि इस पर विचार करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि डीजल वाहन पेट्रोल वाहन के मुकाबले अधिक प्रदूषण फैलाते हैं।
देश के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद संभव है कि जल्द ही हमें डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की खबर मिले। आपको बता दें कि कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण के स्तर में सुधार में लिए 1 अप्रैल से BS-VI पेट्रोल-डीजल उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने 13 महानगरों में अप्रैल 2019 तक BS-VI ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रस्ताव दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसके लिए सरकार ऑयल मार्केटिंग कंपनियों से बातचीत कर सकती है।